डा. निधि उनियाल प्रकरण : सिर्फ जांच से क्या होगा ? कल को जांच में निधि उनियाल को ही गलत निकाल दिया तो ? यह अफसर ही इस पोस्ट से हटना चाहिए । देखिए कितनी और जांचें पेंडिंग है इन पर अब तक
देहरादून : सोशल मीडिया में कल से दून मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा निधि उनियाल का प्रकरण सुनामी की तरह चल रहा है और कई विधायक , सेवानिवृत अधिकारियों , सैन्य संगठनों,मेडिकल संगठनों ने इस मुहिम को समर्थन दिया जिसके बाद बात मुख्यमंत्री तक पहुंची और स्तिथि और मामले की नाजुकता को समझते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डा निधि उनियाल के तबादले पर रोक लगा दी और मामले की जांच के आदेश दे दिए है पर यह प्रकरण कुछ ऐसे बड़े सवाल ले आया है जिसपर जनता जवाब चाहती है ।
जनता पूछ रही है कि यदि उत्तराखंड के लोग और मीडिया उत्तराखंड की मातृ शक्ति का यह प्रकरण संज्ञान में न लाते तो क्या होता ?
जनता यह पूछ रही है कि कल को इस चिकित्सा सचिव ने जबकि जांच इसी विभाग से संबंधित डा निधि उनियाल की जांच है, को प्रभावित कर दिया और डा निधि उनियाल को ही गलत साबित कर दिया तब क्या होगा ?
जनता यह पूछ रही है कि नेशनल हाईवे घोटाले में आरोपित अफसर सचिव की कुर्सी तक कैसे पहुंच गया और इतने महत्वपूर्ण विभाग कैसे ले लिए ?
जनता यह पूछ रही है कि इस अधिकारी ने राज्य सरकार के देनदार यानी जिस गौतम बुद्ध सुभारती मेडिकल कॉलेज ने राज्य सरकार के 72 करोड़ रुपए वो भी पेनल्टी के रूप में देने हो तो उन्हे एक शपथ पत्र लेकर आगे की इजाजत कैसे दे दी ?
जनता यह पूछ रही है कि हो एन एच घोटाले की जांच प्रभावित कर सकता हो क्या यह संभव नहीं की ये जांच प्रभावित कर दे ?
आइए देखिए कितनी जांच अभी तक चल रही है उत्तराखंड में :
बडा सवाल यह उठता है कि इस अधिकारी को पद से क्यों नही हटाया जा रहा और क्यों विभागीय मंत्री धन सिंह रावत चुप है ? कही ऐसा तो नहीं कि कल को धामी के लिए मुसीबत न बन जाए ये भ्रष्ट अधिकारी ।
जिस अधिकारी की चुनाव से पहले से ही PMO से ,DOPT से ,राज्य सतर्कता विभाग से जांच चल रही हो वह कैसे पद पर बना रह सकता है यानी स्पष्ट है कि दाल में काला ही नही पूरी ही दाल ही काली हो चुकी है देखिए और सरकारी पत्र की कितनी जांच पंकज कुमार पांडेय के खिलाफ काफी समय से लंबित है
कार्मिक एवं सतर्कता विभाग
यानी जांच , जांच और जांच सिर्फ जांच ही जांच