सोशल मीडिया के द्वारा हुनर को मिला खुला मंच!

VON NEWS. हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की, ये रामायण है पुण्य कथा श्रीराम की। दोस्तो, छोटे पर्दे पर आने वाले ‘रामायण’ धारावाहिक में लव-कुश द्वारा गायी गई इस राम कथा को तो आपमें से बहुतों ने सुना होगा।

लेकिन इसी गीत को बेंगलुरु में रह रही दो जुड़वां बहनों दीया एवं जिया झा ने भी अपनी मधुर आवाज से सजा दिया है। ‘दीया एवं जीया’ नाम के इनके यूट्यूब चैनल पर दोनों की सुंदर गायकी के ढेरों उदाहरण मिलेंगे। ये न सिर्फ हिंदी में भक्ति के गीत गाती हैं, बल्कि अपनी मातृभाषा मैथिली में भी इन्होंने अनेक गाने गाए हैं।

छठी कक्षा में पढ़ने वाली दीया बताती हैं, ‘हम दोनों सब कुछ एक साथ करते हैं। फिर वह पढ़ाई हो या खेल। दो साल पहले गाने की शुरुआत भी एक साथ ही हुई। फिलहाल दोनों ही मौसुमी मैम से शास्त्रीय संगीत सीख रहे हैं।’ यूट्यूब चैनल शुरू करने के पीछे की प्रेरणा के बारे में जिया ने बताया कि जब वह करीब 6 7 वर्ष की थीं, तो ‘दिल है हिंदुस्तानी’ नाम की एक सिंगिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का मौका मिला था।

लेकिन तीसरे राउंड के बाद चयन नहीं होने पर वे थोड़ी उदास हो गईं। इसके बाद ही पापा ने सोशल मीडिया की मदद से कुछ करने का फैसला लिया। पहले फेसबुक पेज बनाया, फिर यह चैनल। आज इसके करीब 3 लाख 58 हजार के करीब सब्सक्राइबर हैं। फेसबुक पर फालोअर्स की संख्या 91 हजार के आसपास है।

ट्यूब पर हिट हुआ ‘मुकद्दर’ : सोशल मीडिया ने नि:संदेह देश के युवाओं को अपना हुनर दिखाने का एक ऐसा खुला मंच दिया है, जिसमें देखने-सुनने वाले लोग ही जज की भूमिका में होते हैं। बच्चों-किशोरों या युवाओं को वहां सिर्फ ईमानदारी से अपना कौशल दिखाना होता है। लोगों को वह पसंद आया, तो उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।

जैसे हिप हॉप डांसर रहे कोलकाता के सिद्धांत तिवारी ने एक हादसे के बाद सोचा नहीं था कि वे डांस नहीं करेंगे, तो क्या करेंगे? 2015 की बात है। उन्होंने अपने कॉलेज (श्यामा प्रसाद कॉलेज) के शोज में स्टेज एंकरिंग एवं मिमिक्री करना शुरू किया। उन्हें लगा कि वे इस माध्यम से भी लोगों से इंटरैक्ट कर सकते हैं और इस तरह यह कारवां आगे बढ़ता गया।

सिद्धांत बताते हैं, ‘मुझे कविताएं, शायरी लिखने का शौक था। उन सबका प्रयोग अपने शोज में करता था, जो लोगों को पसंद आता था। इस वजह से मैंने पश्चिम बंगाल के अलावा सिक्किम के कॉलेजों में शोज किए। उसी दौरान रैप म्यूजिक को भी एक्सप्लोर कर रहा था।’ सिद्धांत के अनुसार, उन्होंने पाया कि कोई उर्दू में रैप नहीं करता था। उन्होंने लिखना शुरू किया और तैयार हुआ उनका पहला रैप सॉन्ग ‘मुकद्दर’। वह कहते हैं, ‘मेरे कोई गुरु या मेंटर नहीं रहे। सब खुद से, इंटरनेट और जीवन से सीखा है।

पिछले साल जब अपना यूट्यूब चैनल ‘कयामत’ लॉन्च किया, तो इस रैप सॉन्ग को वहां अपलोड किया। देखते ही देखते इसे हजारों व्यूज मिले। लोगों को गाना पसंद आया। जो अपने दिल की सुनते हैं। किसी से कोई शिकायत नहीं करते, बल्कि अपना मुकद्दर खुद लिखते हैं।’ सिंगर एवं रैपर सिद्धांत का ‘दिल की कलम से’ एक फेसबुक पेज है, जहां वे देश के नवोदित कलाकारों को अपना हुनर दिखाने का मंच भी देते हैं।

इनकी कोशिश है कि वे जीवन से जुड़े अर्थपूर्ण गीत लिखें, जो लोगों के दिल को छू सकें। दोस्तो, बड़ी बात यह है कि संसाधनों की कमी के बावजूद युवा अपने हुनर को मंच देने की कोशिश कर रहे हैं। जैसे ‘मुकद्दर’ वीडियो सिद्धांत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर स्मार्टफोन से शूट किया और उसे खुद ही लैपटॉप पर एडिट किया। वह मानते हैं कि जिसमें कोई हुनर है, वह घर बैठे भी आर्टिस्ट बन सकता है।

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