वॉयस ऑफ़ नेशन की खबर का असर, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का धड़ाधड़ भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान जारी, भ्रष्ट अपर सचिव को नहीं मिली तवज्जो, ईमानदार एवं स्वच्छ छवि के वरिष्ठ अफसर दिनेश चंद्र लोहानी को बनाया निदेशक कोषागार,पेंशन एवं हक़दारी,उत्तराखंड

वॉयस ऑफ़ नेशन की खबर का असर, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का धड़ाधड़ भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान भ्रष्ट अपर सचिव को नहीं मिला पद / ईमानदार एवं स्वच्छ छवि के वरिष्ठ अफसर दिनेश चंद्र लोहानी को बनाया निदेशक, कोषागार,पेंशन एवं हक़दारी ।

देहरादून : वॉयस ऑफ़ नेशन ने पिछले कुछ दिनों में अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान द्वारा किये गए भ्रष्टाचार पर बड़े खुलासे किये थे और प्रकाशित किया था कि किस प्रकार  अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान ने मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री को दरकिनार कर आदेश जारी किये थे। इस खबर से सचिवालय सहित पूरा प्रदेश हिल गया था कि यदि सचिवालय का अफसर इस प्रकार कार्य करेगा तो प्रदेश कि क्या छवि देश में जाएगी ? और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा खबर का संज्ञान लिया गया था।

पुष्कर धामी लगातार प्रदेश में पारदर्शी एवं स्वच्छ प्रशाशन देने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में पूरे प्रयत्न से लगे है जिससे डबल इंजन कि सरकार की स्वछ छवि प्रदेश और देश में जाये, क्यूंकि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव भी निकट है साथ ही जनता से भ्रष्टाचार , भय- मुक्त सुशाशन देने का वादा भी पूर्ण हो जाये।

हालाँकि मंत्री वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने जाने- अनजाने अरुणेंद्र सिंह चौहान कि निदेशक, कोषागार,पेंशन एवं हक़दारी बनने कि फाइल पर संस्तुति कर दी थी परन्तु भ्रष्टाचार और घोटाले का मामला सामने आने पर उन्होंने ने भी मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया और आज निदेशक, कोषागार,पेंशन एवं हक़दारी के पद पर तीन वरिष्ठ अधिकारियो में से सबसे वरिष्ठ दिनेश चंद्र लोहानी कि नियुक्ति कर दी गयी जिसका सभी ने स्वागत किया है।

मुख्यमंत्री धामी ने इस नियुक्ति से आमजनमानस और राज्य के अधिकारियो/ कर्मचारियों को सन्देश दिया है कि वरिष्ठता का ध्यान रखा जायेगा और जिसका जो अधिकार है उसे ही मिलना चाहिए।

भ्रष्ट अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को कुछ समय पूर्व वॉयस ऑफ़ नेशन कि खबर के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर सारे विभागों से पैदल कर दिया गया था ।

सूत्रों के अनुसार कई और विधिक और अनुशाशनात्मक कारवाही अरुणेंद्र सिंह चौहान पर आने वाले समय में हो सकती है क्यूंकि इस अधिकारी के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है, जिसको मुख्यमंत्री पोर्टल को भेजा गया और अपर सचिव मुख्यमंत्री रयाल द्वारा आगे कारवाही हेतु भेज दिया गया है तथा सीबीआई सहित राष्ट्रपति कार्यालय से कई पत्रों पर जांचे लंबित है ।

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