इन 5 कारणों से मनोज तिवारी को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष पद से हटाया गया

नई दिल्ली. मनोज तिवारी को दिल्लीअध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह यह पद अब आदेश कुमार गुप्ता  संभालेंगे. के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने संगठन में फेरबदल की यह जानकारी दी.

बता दें कि आदेश कुमार गुप्ता, North Delhi Municipal Corporation- NDMC) के महापौर VOICE(Mayor) रहे हैं और वर्तमान में वह पटेल नगर से पार्षद हैं. लेकिन इस फेरबदल के बीच लगातार यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोरोना वायरस प्रसार से बनी गंभीर परिस्थितियों के बीच ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी ने यह निर्णय लिया. इसके पीछे कई वजहें रही हैं-

लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में क्रिकेट खेलना पड़ा भारी
मनोज तिवारी, दिल्ली चुनावों के बाद से लगातार राजनीति को लेकर अनमने होते जा रहे थे. हाल ही में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर पड़ोसी राज्य हरियाणा (Haryana) में एक एकेडमी में क्रिकेट खेलते दिखे थे. लगता है कि कोरोना काल में जब पूरी दुनिया अपने घरों में कैद है उनके क्रिकेट खेलने से अच्छा संदेश नहीं गया. वैसे भी बीजेपी के अंदर नेताओं में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का पालन नेताओं के लिए आवश्यक होता है, ऐसे में उनकी जगह भरने को संगठन से लंबे समय से जुड़े और जमीनी नेता को लाया गया है.

दिल्ली विधानसभा चुनावों में BJP की बुरी हार

BJP ने दिल्ली का विधानसभा चुनाव मनोज तिवारी के नेतृत्व में लड़ा था. दिल्ली से जुड़े अन्य बीजेपी नेताओं की बयानबाजी वायरल होने के बाद भी चुनावों में मनोज तिवारी ही चुनावी समीकरणों के लिए जिम्मेदार माने जा रहे थे. ऐसे में पार्टी की बुरी हार की जिम्मेदारी भी उन पर आनी ही थी. कहा जा रहा था कि हार के बाद तुरंत ही पार्टी को उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी लेकिन पार्टी ने योग्य नेता की तलाश में उन्हें इस पद पर कुछ दिन रहने को कहा था. यानी बीजेपी चुनाव परिणाम बाद से ही नए नेतृत्व की तलाश में थी. ऐसे में पार्टी की खोज पूरी होते ही 4 महीने बाद मनोज तिवारी को इस पद से हटा दिया गया.

सिलेब्रिटी नेताओं के मुकाबले, BJP का जमीनी कार्यकर्ताओं पर भरोसा ज्यादा
BJP हमेशा ऐसी पार्टी रही है, जिसमें नेता संगठन से लंबे जुड़ाव और विचारधारा पर दशकों तक काम करने के बाद महत्वपूर्ण पदों को पाते हैं. ऐसे में यह कम ही होता है कि कोई सिलेब्रिटी नेता आकर बीजेपी में महत्वपूर्ण पद को संभाले. इससे पहले भी बीजेपी, दिल्ली में ही किरन बेदी को CM पद का उम्मीदवार घोषित कर, अपने प्रयोग पर पछता चुकी थी. मनोज तिवारी को अध्यक्ष पद से हटाये जाने को भी इसी क्रम में देखना चाहिए. उनकी जगह पर एक लगभग अनजाने नाम आदेश कुमार गुप्ता की नियुक्ति भी इस बात पर मुहर लगाती है.

आगामी नगर निगम चुनावों की रोशनी में बदला गया है दिल्ली BJP अध्यक्ष
जैसा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने इस फैसले के बाद कहा भी है कि पार्टी ने यह फैसला आगामी नगर निगम चुनावों को दिमाग में रखते हुए लिया है. बता दें कि बीजेपी दिल्ली-पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी तीनों ही नगर निगमों पर कब्जा जमाये हुए है और अगले MCD चुनाव 2022 में होने हैं. ऐसे में मनोज तिवारी की बजाए स्थानीय राजनीति को अच्छे से समझने वाले एक नेता को दिल्ली में अध्यक्ष के पद पर लाना जरूरी था.

कोरोना की लड़ाई में राज्य सरकारों का नेतृत्व कर रही बीजेपी
कोरोना प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन को सरकार ने न सिर्फ एक कड़े कदम के तौर पर लागू किया है बल्कि इसकी नैतिक जिम्मेदारी नागरिकों को उठाने की अपील भी की है ताकि कोरोना की इस लड़ाई में देश अपनी बढ़त को बनाए रखे. BJP के नेतृत्व में केंद्र सरकार पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी राज्यों का सहयोग कर रही है. ऐसे में दिल्ली सरकार के खिलाफ सार्वजनिक प्रदर्शन करने के लिए राजघाट पर लोगों के साथ जाना और उसके एक दिन बाद ही उनका अध्यक्ष पद से हटाया जाना अपने में संकेत है.

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