गजब हो गया ! विजिलेंस जांच के बाद संस्तुति भी हुई पर शाषन में क्या हुआ यह पढ़े।

गजब हो गया ! Vigilence जांच के बाद संस्तुति भी हुई पर शाषन में क्या हुआ यह पढ़े।

देहरादून : शाषन में एक बड़ा मामला ठन्डे बस्ते में चला गया था  क्यूंकि कुछ दिन पूर्व तक  मुख्यमंत्री के खिलाफ वाली लॉबी का अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान 100 करोड़ से अधिक आय से अधिक सम्पत्ति का स्वामी, हेरा- फेरी, जालसाज़ी के प्रकरण में जांच प्रचलित होने पर भी कई विभाग लिए बैठा था और अपने करीबियों को बचाने में पूरा जोर लगाए बैठा था क्यूंकि अब धाकड़ धामी द्वारा भ्रष्टाचार पर पूरी नकेल कसी जा रही है और धड़ाधड़ कारवाही कि जा रही है तो अब सबकी आस जगी है कि विभाग से पैदल कर दिए जाने के बाद ये अपर सचिव पता नहीं कैसे बना रह गया नहीं तो इस पर तो तत्काल निलंबन कि कारवाही हो जानी चाहिए थी।

राजपत्रित अधिकारी, सहायक लेखाधिकारी चिकित्सा शिक्षा विभाग के पद में सेवारत रहे जे.पी. भट्ट के अनुसार इस भ्रष्ट अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान के कई कारनामे उन्होंने उजागर किये है और आगे भी करते रहेंगे जिससे ईमानदार एवं स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कि सरकार को बदनाम करने वालो के चेहरे बेनकाब हो जाये।

बकौल जे पी भट्ट विभागीय लेखाकारों की अनंतिम वरिष्ठता सूची एवं प्रदेश स्तरीय कार्यालय में वरिष्ठता निर्धारण के सम्बन्ध में दर्शाये गए आधारों पर कुछ लेखाधिकारियों ने कूटरचना करके सरकारी दस्तावेजों में जालसाज़ी , हेराफेरी के गंभीर आपराधिक कृत्य कर उक्त शाशनादेश का विलोपन कर दिया गया जिसके फलस्वरूप विभागीय लेखाकारों के पद पर मौलिक नियुक्ति की तिथि प्रभावित हो गयी जिस कारण जे पी भट से जूनियर 37 लेखाधिकारी को वरिष्ठ वित्त अधिकारी एवं मुख्य वित्त अधिकारी के पद पर पदोन्नति मिल गयी

उक्त प्रकरण पर जब जे पी भट्ट द्वारा निदेशक, सतर्कता विभाग को शिकायत दी गयी और जांच रपोर्ट सामने आयी तो चौकाने वाले तथ्य सामने आये और विजिलेंस के अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा अपनी जांच आख्या दिनांक 21.11.2017 में बिंदु 5 पर यह अंकित किया गया की शिकायत कर्ता जे पी भट्ट की वरिष्ठता प्रभावित हुई है और उक्त प्रकरण में विभागीय जांच की संस्तुति की जाती है। उक्त जांच के बिंदु 5 में यह भी अंकित किया गया कि एक ही शाशनादेश पर वरिष्ठता के दो अलग अलग आधार होना वास्तविक रूप से संभव नहीं है और निश्चित तौर पर दस्तवेजो में हेरा फेरी होना प्रतीत होता है

देखिये जांच आख्या :

तत्कालीन निदेशक सतर्कता द्वारा उक्त जांच आख्या प्रमुख सचिव सतर्कता उत्तराखंड शाशन को भेजी गयी एवं सचिव वित्त विभाग को उक्त जांच हेतु प्रमुख सचिव द्वारा निर्देशित किया गया

देखिये पत्र :

इसके बाद 11.10.2022 को अनुभाग अधिकारी, वित् विभाग ने आरटीआई में अवगत करवाया कि 23.01.2018 के उपरांत उक्त सतर्कता विभाग के पत्र पर कोई कारवाही नहीं कि गयी है तथा आतिथि तक जांच लंबित है

देखिये पत्र :

तत्पश्चात अपर सचिव गृह अनुभाग के स्तर से जारी पत्र दिनांक 25.05.2023 में लिखा है कि उक्त पर सी बी आई / एस आई टी जांच हेतु आख्या मांगी गयी है 

कैसे हुआ यह भ्रष्टाचार इस तथ्य को उजागर करते यह शाशनादेश :-

1994-1995 में ही उत्तरांचल एवं उत्तराखण्ड दर्शा दिया जबकि उत्तराखंड राज्य का गठन वर्ष 2000 में हुआ 

अब उक्त जांच एवं शिकायत 5.9.2023 को  मुख्यमंत्री पोर्टल से मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र एवं वरिष्ठ,ईमानदार एवं कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी जिन्होने कई भ्रष्टाचार के मामलो पर कारवाही कि है डा. वी. षणमुगम को दी गयी है । जिसमे लक्ष्मी नारायण पंत, भगवत सिंह नागरकोटी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने कि जांच के आदेश दिए गए है यहाँ यह बताया जाना आवश्यक है कि उक्त दोनों अधिकारियो के विरुद्ध तत्कालीन निदेशक विभागीय लेखा उत्तराखंड, देहरादून के द्वारा 28 अप्रैल 2016 को सचिव वित्त, उत्तराखंड शाशन को पत्र प्रेषित किया गया था जिसमे उनके द्वारा यह लिखा गया था कि विभागों को 27 मार्च 2008 को भेजी गयी पृष्ठांकित प्रतिलिप में बिंदु 4 शाशनादेश दिनांक 26 मई 2000 विलोपन करने के उपरान्त सरकारी दस्तावेजों में जालसाज़ी कि गयी जबकि कार्यालय कि प्रति 27 मार्च 2008 में बिंदु एक से पांच तक वरिष्ठता निर्धारण के आधार अंकित थे जिसमे बिंदु 4 अंकित था परन्तु भेजी गयी प्रतिलिपि से उक्त बिंदु को विलोपन कर दिया गया जिसकी सतर्कता जांच में पुष्टि कि गयी है। उक्त भेजी गयी प्रतिलिपि में लक्ष्मी नारायण पंत एवं भगवत सिंह नागरकोटी कि हस्ताक्षर अंकित है। इस पत्र पर जो कि शाशन को भेजा गया था, उस पर आज तक कोई कारवाही नहीं कि गयी है जिसका संज्ञान अब मुख्यमंत्री के द्वारा ले लिया गया है जो कि भ्रष्टाचार पर एक बड़ा तमाचा है 

बता दे कि धामी सरकार पूर्ण तरह से जीरो टॉलरेंस पर अपने डबल इंजन कि मोदी सरकार के मन्त्र  भय – भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना, प्रदेश – देश को खोखला करने वाले हर व्यक्ति और संस्था के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और जनता में मुख्यमंत्री धामी कि स्वच्छ छवि का सन्देश जा रहा है।

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