उत्तराखंड पैरेंट्स एसोसिएशन ने फ्री फायर गेम को बैन लगाने की मांग की अन्यथा सरकारों का होगा बहिष्कार । बच्चो को आंतकवादी बना रहा गेम।
देहरादून : उत्तराखंड राज्य पिछड़ा वर्ग पैरेंट एसोसिएशन की एक बैठक आज इसके केंद्रीय कार्यालय पर आयोजित की गईं जिसमें सर्वसम्मति से मुख्य निर्णय यह लिया गया की पब जी की तरह फ्री फायर गेम को भी उत्तराखंड ही नही पूरे देश में बैन किया जाए
आपको बता दे की पिछले 2 कोरोना की लहर में सभी स्कूल ऑनलाइन मोड में चल रहे हैं और इस बीच पब जी के बाद फ्री फायर गेम ने बच्चो के बीच अपनी जगह बना ली है और बच्चें अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़ कर या पढ़ाई के बीच में ही माता पिता की नजर बचा कर फ्री फायर खेलते दिखते है हालंकि कुछ माता पिता अपने फोन को साझा बहुत मुश्किल से अपने काम को छोड़ कर कर पाते है और कुछ माता पिता बड़ी मुश्किल से इंटरनेट का खर्चा झेल पाते है जबकि कुछ माता पिता को इसका कुछ फर्क ही नहीं पड़ता क्योंकि उनको पता ही नही की बच्चा पढ़ रहा है या गेम में व्यस्त हैं । और साथ ही बीच बीच में पोर्न विज्ञापन आ जा रहे हैं जो छोटे बच्चो के दिमाग पर गलत प्रभाव डाल रहे है जिसका प्रभाव यह है कि जिन बच्चो को ये सब नहीं पता होना चाहिए उन्हे भी 4 वर्ष से 10 की आयु में ये सब अनर्गल पोर्न साइट के बारे में पता चल जा रहा। है ।
अब बात करे गेमिंग की तो इस गेम में दिन रात बच्चा कूदो ,मारो, फायर करो , बम गिराओ ,गोली मारो जैसे ही शब्द इस्तेमाल करता है और आप अंदाजा लगाइए की भारत में इस तरह की संस्कृति बच्चो में इस गेम के माध्यम से डाली जा रही है और बच्चें भी घर के लोगो पर ही आक्रोशित होने लगे है और वो दिन दूर नही जब वो अपने घर के लोगों को ही अपना दुश्मन समझ कर मौत के घाट उतार दे । पढ़िए ये खबर :
https://www.uttarakhandjanadesh.com/post/pabji-ki-udhari-chukane-ko-kar-di-hatya
ये खबर साभार ….,अब बात करते है पढ़ाई की ….. अगर पढ़ाई की बात करे तो अब बच्चें पढ़ाई और ट्यूशन से भी कतराने लगे हैं क्योंकि फ्री फायर ने घर घरबमे एजेंट बना दिए हैं जो आपके बच्चें को चाह कर भी गेम से हटने नहीं देंगे और गलती से एक दिन आपने नही भी खेलने दिया तो आपके बच्चे को whtsup कॉल कर करके गेम खेलने को उकसायेंगें इन एजेंटो के नाम भी होते हैं वो भी नकली जैसे की माही भाई,बैच भाई,किलर भाई,किंग भाई आदि आदि… यहां तक की वॉयस चेंजर से लड़की की आवाज तक में बात करेंगे और आप पहचान नहीं पाएंगे क्योंकि आपने आजकल वो विज्ञापन तो सोशल मीडिया में देखा ही होगा की घर बैठे पैसे कमाए आपके पास लैपटॉप,मोबाइल या इंटरनेट होना अनिवार्य है ।
कैसे कमाते हैं पैसे एजेंट और कंपनी ,?
आपने सुना होगा की बड़ी कंपनिया इंटरनेट बेचती है और जो लोग इंटरनेट को यूज करते है वो अपना डाटा खपा रहें है यानी इस्तेमाल कर रहे हैं चाहे उनके बच्चे गेम खेले या वो OTT पर पिक्चर देखे पर डाटा तो उपयोग यानी खपत हो ही रहा है और जब आपका डाटा खपता यानी उपयोग होता है तो कंपनियों को फायदा होता है और ये कंपनियां इंटरनेट बेचती है और गेमर कंपनियां ज्यादा से ज्यादा इंटरनेट खपाने/ उपयोग करने में बच्चों को व्यस्त रखती है और उपयोग होने वालें इंटरनेट यानी जिसे स्पेक्ट्रम भी कहा जाता है ( जिसकी नीलामी में अरबों का घोटाला एक जमाने में सामने आया था ) उस स्पेक्ट्रम से पैसे कमाते हैं ।
बाकी आप अपने बच्चों को किस प्रकार कंट्रोल कर सकते है ये आपके ऊपर है कि आप उनका टाइम टेबल बना कर पढ़ाई के साथ खेल का टाइम सुनिश्चित करें अन्यथा वह दिन दूर नहीं कि आपका बच्चा अपनी आंखो मे मोटा चश्मा लगाने के साथ पढ़ाई लिखाई छोड़ कर आतंकवादी बनने के कगार पर पहुंच जाएं। जो देश इस आग को हमारे देश भारत में लगाकर युवा पीढ़ी को खराब करना चाहते हैं सरल भाषा में इसको गृह युद्ध की ओर अग्रसर होना कहते हैं जिसको दुश्मन देश फंडिंग करते है और किसी देश की युवा पीढ़ी से उसकी सोचने समझने की शक्ति छीन लेना देश को डूबो देने के लिए काफ़ी होता है । ये भी पढ़े :
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ऐसी न जाने कितनी घंटनाए है जो देश में रोजाना हो रही है इसलिए अपने बच्चे में विश्वास जगाएं और उसको पढ़ाई के साथ ही टाइम टेबल बना कर हतोत्साहित करने की बजाय समझदार बनने को कहे ।