दो वर्षों में स्मार्टफोन रखने वाले ग्रामीण विद्यार्थियों का फीसद 36 से बढ़कर हुआ 62,पढ़िए पूरी खबर
नई दिल्ली,VON NEWS: सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने की छिड़ी मुहिम अब और तेज होगी। आर्थिक सर्वेक्षण के जरिये सरकार ने इसका पूरा खाका खींचा है। इसमें कहा गया है कि भारत अगले दशक में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी वाला देश होगा। ऐसे में जरूरी है कि सभी को गुणवत्ताापूर्ण शिक्षा मुहैया हो। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार दिखेगा और देश के भविष्य का भी निर्धारण होगा। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान आनलाइन शिक्षा जिस तरह से लोकप्रिय हुई, उससे देखते हुए इसके जरिये कई शैक्षणिक विषमताओं में कमी आने की उम्मीद जगी है।
आर्थिक सर्वेक्षण में ऑनलाइन शिक्षा को लेकर उठाए गए कदमों को सबसे ज्यादा सराहा गया है। इसके तहत लॉकडाउन के दौरान करीब 34 करोड़ छात्रों को घर बैठे पढ़ाया गया है। इसके चलते शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच मौजूद डिजिटल खाई को भी पटाने में भी मदद मिली। स्थिति यह थी कि लॉकडाउन से पहले जहां सिर्फ 36 फीसद छात्रों के पास स्मार्टफोन थे, वहीं उसके बाद यह 62 फीसद छात्रों के पास मौजूद था।
इसके साथ ही ऑनलाइन शिक्षा के जरिये शैक्षणिक भेदभाव भी खत्म हुआ। यानी सभी बच्चों को एक ही प्लेटफॉर्म पर एक ही शिक्षक के जरिये पढ़ाया गया। इसके लिए केंद्र ने सभी राज्यों को 818 करोड़ रुपये भी जारी किए थे।
इकोनॉमिक सर्वे 2020-21 के अनुसार, भारत में अगले दशक तक विश्व में सर्वाधिक युवाओं की जनसंख्या होगी। इसलिए देश का भविष्य तैयार करने के लिये इन युवाओं के लिये उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की क्षमता विकसित करना है। सर्वे के अनुसार, भारत ने प्राथमिक स्कूल स्तर पर 96 फीसद साक्षरता दर हासिल कर ली है।