प्रेग्नेंसी के बाद बॉडी को फिट रखना चाहती हैं तो इन योगासन को कीजिए, जानिए फायदे!
नई दिल्ली,VON NEWS: प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं की बॉडी में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते है, इससे महिलाओं को कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे मूड स्विंग्स, बाल झड़ना, अनिद्रा और इत्यादि।
डिलीवरी के बाद महिला को रिकवर और दोबारा नॉर्मल होने में थोड़ा समय लगता है। इस दौरान महिला में हॉर्मोन्स असंतुलन होने के बहुत सारे लक्षण दिखाई देते हैं, जिनसे महिलाओं को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से बचने के लिए योग का सहारा लेना चाहिए। कई ऐसे योगासन हैं, जो प्रसव के बाद ना सिर्फ वजन को कम करते हैं, बल्कि महिला के शरीर में हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप डिलिवरी के बाद भी खुद को हेल्दी और फिट रख सकती है।
डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाओं को कमर में दर्द की शिकायत रहती हैं। ऐसे में भुंजगासन आपके लिए बेहद उपयोगी है। इस आसन के अभ्यास से आपके हाथ, कंधे, रीढ़ की हड्डी और नितंबों भी मजबूत आती हैं। भुजंगासन सूर्यनमस्कार और पद्मसाधना का एक महत्त्वपूर्ण आसान है जो हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। यह छाती और कमर की मासपेशियो को लचीला बनाता है और कमर में आये किसी भी तनाव को दूर करता है। स्त्रियों में यह गर्भाशय में खून के दौरे को नियंत्रित करने में सहायता करता है। गुर्दे से संबंधित रोगी हो या पेट से संभंधित कोई भी परेशानी हो ये आसान सभी समस्याओं का हल है।
प्रेग्नेंसी के बाद उष्ट्रासन करना बेहद फायदेमंद है। यह शरीर की सभी प्रमुख मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ, प्रसव के बाद पेट के चारों ओर वजन कम करने में सहायक है। प्रसव के बाद बढ़े हुए वजन को नियंत्रित करने के लिए आप इस योगासन का सहारा ले सकती हैं।
हमारे शरीर को मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए उष्ट्रासन एक उपयोगी आसान है। इस आसान को उष्ट्रासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन में शरीर को ऊंट की तरह आकार दिया जाता है। इसका अभ्यास करने के लिए अपनी रीढ़ को सीधा रखते हुए योगा मैट पर घुटने मोड़ें और कूल्हों के नीचे घुटने रखें। साँस छोड़ते हुए धीरे−धीरे पीछे की ओर झुकें, अपने पैरों को एक के बाद एक अपनी हथेलियों से स्पर्श करें। आपके कंधे, छाती और बाहों को पीठ के निचले हिस्से पर बने एक महत्वपूर्ण आर्च के साथ बढ़ाया जाना चाहिए। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस स्थिति में लगभग 8 सेकंड तक रूक़ें। इसके बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं।