IAS के खिलाफ खबर पर मोहर । खुद ही सुभारती ने जारी विज्ञप्ति में स्वीकार किया की जमीन विवादित है NOC देने वाले IAS अधिकारी पर गाज गिरना तय !
IAS के खिलाफ खबर पर मोहर । खुद ही सुभारती ने जारी विज्ञप्ति में स्वीकार किया की जमीन विवादित है ।NOC देने वाले अधिकारी पर गाज गिरना तय !
देहरादून : वॉयस ऑफ नेशन द्वारा 2 दिन पूर्व 300 करोड़ के नेशनल हाईवे राजस्व घोटाले में संलिप्त विवादित IAS पंकज कुमार पांडेय द्वारा विवादित जमीन एवं बिल्डिंग पर सुभारती संस्था को एसेंशियालिटी सर्टिफिकेट ( एनओसी ) जारी करने के संबंध में खबर प्रसारित की थी जिस पर आज सुभारती संस्था के अतुल भटनागर द्वारा अपने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता के माध्यम से इस मीडिया घराने के संचालकों को एक नोटिस माननीय सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत पते पर भेजा जिसका बाद में ज्ञात होने पर मीडिया हाउस के लोग माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत हो गए है
आज सुभारती की ओर से अपने अधिवक्ता के माध्यम से सर्वोच्च माननीय न्यायालय का आदेश सहित एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है जिसने उन्होंने स्वयं ही स्वीकार किया है की सुभारती संस्था की देहरादून की संपति अभी विवादित है एवं न्यायालय में इस संबंध में विवाद लंबित है ।
अब बड़ी खबर यह है कि एक तो वॉयस ऑफ नेशन की खबर पर स्वयं ही सुभारती के अतुल भटनागर ने मोहर लगा दी दूसरा यह कि IAS अधिकारी को उन्होंने अपने स्वार्थ के चलते बड़ी भारी मुश्किल में डाल दिया है
तीसरा यह कि यह तो माननीय सिविल न्यायालय एवम विचरण न्यायालय का अंतिम फैसला आने पर ही वस्तु स्तिथि ज्ञात होगी कि असली मालिक कौन है और कौन सही कौन गलत क्योंकि चेक बाउंस तो जमीन खरीदते समय सुभारती वालो के हुए थे और बेचने वालो ने कोई रजिस्ट्री तो सुभारती के अतुल भटनागर को करी ही नही सिर्फ कच्चा अनुबंध हुआ था जिसकी शर्तें सुभारती के अतुल भटनागर आदि ने पूर्ण नही की ।
क्योंकि अभी तक सभी सबूत सुभारती के खिलाफ है जिसमें राज्य सरकार का मेडिकल कॉलेज फर्जीवाड़ा और 300 छात्रों के भविष्य को खराब करने के संबंध में सुभारती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट संख्या 571/2018 में दिया शपथ पत्र भी शामिल है ।
ज्ञात हो की सुभारती के संचालक अतुल भटनागर हत्या के मामले में सी बी आई द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद एवं इलाहाबाद हाई कोर्ट के बेल निरस्त होने के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट के अरेस्ट स्टे पर 2015 से चल रहे है और माननीय विचारण न्यायालय में उपस्थित नही हो रहे है ।
इधर IAS पंकज कुमार पांडेय की चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के द्वारा बिना निरीक्षण रिपोर्ट,लीगल रिपोर्ट और बिना हाई पावर कमिटी की अनुमति लिए तथा प्लेन पेपर पर सुभारती से राज्य सरकार को 97 करोड़ के देनदारी देने का शपथ पत्र और स्वयं की गारंटी ( बैंक गारंटी नहीं ) सुभारती को एनओसी जारी करना रोज रोज भारी पड़ता जा रहा है क्योंकि मुख्य सचिव ने इसकी जांच ईमानदार IAS अमित नेगी को कल सौप दी है ।
बड़ा सवाल यह भी है कि सुभारती खुद ही 83 करोड़ के सरकार को देनदार है और खुद की ही सादे कागज पर शपथ पत्र पर लिख कर 83 करोड़ की गारंटी देना ….यह कौन सा नियम है ? बैंक गारंटी लेते तो राज्य के भले के लिए IAS पंकज कुमार पांडेय की जवाबदेही तो होती । यह मामला तो और भी बड़ा गले की फांस दिखता बन रहा है ।