सुभारती फर्जी डिग्री प्रकरण : एसटीएफ की गिरफ्त में आया रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी से साँठ गांठ कर ठेके पर घर बैठे डिग्री दिलवाने वाला धनेश मिश्रा नाम का युवक ।
UGC द्वारा RTI में इस यूनिवर्सिटी की मान्यता ना होने और कोर्स UGC से अप्रूव्ड ना होने के के बारे में पुष्टि की है,बावजूद भी डिग्रिया बेची जा रहे है
एसटीएफ की गिरफ्त में आया रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी से साँठ गांठ कर ठेके पर घर बैठे डिग्री दिलवाने वाला धनेश मिश्रा नाम का युवक ।
Dhanesh mishra 2 साल से अजीत नगर,आगरा में दुकान से 4 ओपन विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करा रहा था। इसकी आड़ में दिल्ली, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में स्थित विश्वविद्यालयों की फर्जी अंकतालिकाएं और डिग्री बनाकर दे देता था। इसके लिए संबंधित विश्वविद्यालय के बाबुओं और मालिक से सेटिंग रखता था। रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी देहरादून के चांसलर यशवर्धन रस्तोगी नामक व्यक्ति है और वर्ष 2019 में भी यशवर्धन रस्तोगी का नाम रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी से 300 एमबीबीएस के छात्रों को फर्जी डिग्री बाँटने में आया था
रासबिहारी बोस यूनिवर्सिटी का पहले चांसलर बताने वाले कभी वाईस चांसलर और अब फंसे हुए ट्रस्टी एवं एडवाइजर बताने वाला आरोपी यशवर्धन रस्तोगी
देखिए MBBS की फर्जी डिग्री:-
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mbbs की फर्जी डिग्री
बाद में उक्त सुभारती के सभी छात्र सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तराखंड सरकार ने छात्रों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट किया और राज्य सरकार पर 97 करोड़ का भार पड़ा और आज तक उक्त धनराशि राज्य सरकार वसूल नहीं सकी है और अब धड़ल्ले से डिग्री बेचने का मामला आया है
लगता इस अपराधी के सेटिंग सरकार और विभाग में कुछ खास है जो इतना सब सामने आने पर भी कार्यवाही नहीं हो रही ।जबकि UGC द्वारा RTI में इस यूनिवर्सिटी की मान्यता ना होने और कोर्स UGC से अप्रूव्ड ना होने के के बारे में पुष्टि की है,बावजूद भी डिग्रिया बेची जा रहे है
देखिए UGC RTI:-
वही NCTE यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से भी पुष्टि हुई है कि बी.एड की डिग्री देने की मान्यता नहीं है तब भी ये रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी के नाम से डिग्री बांटी जा रही है
प्राप्त जानकारी के अनुसार वह धनेश मिश्रा जिन विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाता था, उनके पढ़ने वाले विद्यार्थियों की कॉपियां भी कर्मचारी युवतियों से खुद ही लिखवाता था। एक महीने में अंकतालिका थमा दी जाती थी। अब एसटीएफ के रडार पर फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बनवाने वाले लोग हैं।
एसटीएफ के निरीक्षक हुकुम सिंह ने बताया कि धनेश मिश्रा ने 12 हजार रुपये महीने पर एक घर लिया था। यह तीन मंजिला है। इसमें भूतल पर दो कमरों में दुकान संचालित थी। जिसमें 4 युवतियां काम करती थीं। वह छात्रों से बात करती थीं। सुभारती यूनिवर्सिटी में प्रवेश दिलवाया जाता था। प्रवेश लेने वालों को परीक्षा में भी सुविधा दिलाने का वादा किया जाता था। अतिरिक्त रकम देने पर युवतियां कॉपियां लिख देती थीं। इसके बाद इन्हें संबंधित विश्वविद्यालय में भेज दिया जाता था।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के DG ने सीधी कार्यवाही कर रंगे हाथो UGC NET परीक्षा में नकल करवाते हुए पकड़ा था
अभी हाल ही में UP STF ने छापा मारकर रंगे हाथों मेरठ वाले कैंपस से UGC NET परीक्षा में नकल करवाते हुए 7 लोगो को गिरफ्तार किया था पर सुभारती के संचालनकर्ता वहाँ भी रडार पर है ।
हरीश रावत की सरकार में सभी मानको को ताक पर रख कर फर्जी दस्तावेजों और न्यायालय से स्टे होने के बावजूद यह यूनिवर्सिटी पास की गई जिसका विरोध भाजपा ने किया था तथा यूनिवर्सिटी को निरस्त करने की याचिका उत्तराखंड हाई कोर्ट में लंबित है ।
STF के अनुसार जुलाई में प्रवेश लेने वालों को 1 महीने बाद ही अगस्त में अंकतालिका तक दे दी जाती थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी में भी फर्जीवाड़े है। इस बारे में टीम जानकारी जुटा रही है। काम करने वाली युवतियों को 5 से 6 हजार रुपये प्रतिमाह मिला करते थे। एसटीएफ अब इन कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। एसटीएफ ने आरोपी से जो कॉपियां बरामद की हैं, उनमें लिखावट एक जैसी है।
नौकरी वाले युवा अधिक
एसटीएफ के मुताबिक, धनेश के पास ऐसे युवा आते थे, जो किसी कारणवश पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे। अच्छी नौकरी पाने के लिए बिना परीक्षा दिए अंकतालिका देने के लिए बात करते थे। इस पर तय रकम ले ली जाती थी। अंकतालिका मिलने के बाद आम नौकरी में सत्यापन की भी आवश्यकता नहीं पड़ती थी। इससे ही फर्जीवाड़े का मामला सामने नहीं आ पाता था।
उत्तराखंड राज्य सरकार ने लगाई 97 करोड़ की पैनल्टी पर वसूली आज तक नहीं
उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2019 में एमबीबीएस के 300 छात्रो से फर्जीवाड़ा करने एवं फर्जी डिग्री देने के एवज में 97 करौड़ की पैनल्टी सुभारती पर लगाई पर आजतक उक्त पूरी धनराशि वसूलने में अधिकारियों की नाकामयाबी रही है तथा राज्य में किसी भी प्रकार का मेडिकल कोर्स या कॉलेज खोलने पर बैन लगाया हुआ है फिर भी फर्जीवाड़ा करके कोर्स और कॉलेज चलाया जा रहा है जबकि इस बैन के कारणआगे किसी भी छात्र का न तो पंजीकरण कही होगा न डिग्री या कोर्स वैलिड होगा तथा UGC और NCTE से प्राप्त RTI ऊपर छाप ही दी गयी है यानि घोटाला भी और फर्जीवाड़ा भी
देखें आदेश :
युगल किशोर पंत,आईएएस ,निदेशक चिकित्सा शिक्षा का आदेश
कमिश्नर गढ़वाल के यहाँ 2023 से लैंड फ्रॉड कमेटी में जाँच है लम्बित देखें आदेश ;-
जिलाधिकारी देहरादून ने तहसीलदार को फटकार लगाई तब भी कोई असर नहीं …..दे रहे गोलमोल रिपोर्ट इ
सी प्रकरण में उत्तराखंड के 4 अधिकारी सहित एक बड़ा अधिकारी भी रडार पर आ गया है जिसके परिणाम कुछ ही दिनों में देखने को मिल सकते है
मंत्री धन सिंह रावत ने दिए थे मानको के अनुसार प्रयोजन ना करने हेतु भूमि राज्य सरकार में अधिग्रहित करने के एवं एसएसपी देहरादून को FIR दर्ज करने के आदेश जो अभी तक लंबित है । इसीलिए मंत्री के विरोध में आमजनमानस ने आजकल मोर्चा खोला हुआ है की इस प्रदेश में मंत्री की भी चलती नहीं या खामोश क्यों है ?
देखें :-
लगातार विवादित है सुभारती यूनिवर्सिटी और कई छात्र एवं छात्राए कर चुके आत्महत्या या कईयो की हत्या हो गई
उत्तराखंड का मेडिकल कॉलेज दे रहा जीरो टॉलरेंस को चुनौती
Medical College demanding 1 Lakh for Internship, Uttarakhand News, Corruption Demanding Bribe Corruption Bhrashtachar Rishwat Zero Tolerance Source: नवीन समाचार : समाचार नवीन दृष्टिकोण से…. https://search.app/qHDym6ddPemnFcqU7
क्या उत्तराखंड सरकार इतने सारे घोटाले कर चुके इन आरोपियों पर कोई कार्यवाही करेगी ?