देश-विदेश में महत्वपूर्ण पदो पर रहे वरिष्ठ अधिकारी ने कही उत्तराखण्ड के परिसीमन पर यह बड़ी बात ।

डॉ बहुगुणा ने सलाह दी कि जिस प्रकार माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक बार सीमांकन टाल दिया था ठीक उसी प्रकार सीमांकन को अभी अनिश्चित्काल के लिए टाल दिया जाना चाहिये

देश-विदेश में महत्वपूर्ण पदो पर रहे वरिष्ठ अधिकारी ने कही उत्तराखण्ड के परिसीमन पर यह बड़ी बात ।

देहरादून (वॉयस ऑफ़ नेशन ) सेंटर फॉर रिसोर्स एवं मैनेजमेंट के अध्यक्ष, पूर्व महानिदेशक भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद,भारत सरकार , पूर्व चांसलर एफ़आरआई यूनिवर्सिटी,पूर्व प्रमुख सचिव त्रिपुरा सरकार तथा उत्तराखण्ड समानता पार्टी के अध्यक्ष वी के बहुगुणा ने वॉयस ऑफ़ नेशन से एक भेंटवार्ता में बताया कि 15 दिसंबर को एक रैली का आयोजन परेड ग्राउंड में किया जाएगा जो उत्तराखण्ड में परिसीमन के संबंध में अपना संदेश केंद्र सरकार तक पहुँचाने के लिए आयोजित की जाएगी ।

डा.बहुगुणा ने कहा कि परिसीमन संविधान कि धारा 82 के अन्तर्गत किए जाने का प्रावधान है और जब उत्तराखण्ड राज्य बना उसके बाद अब अगर परिसीमन की बात आती है तो वह भौगोलिक स्तिथि के अनुसार होना चाहिये न कि जनसंख्या के अनुसार ।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली कि लोकसभा  कि 7 सीटो का चक्कर एक -दो घंटे में लगा सकते है और  यहाँ आप उत्तराखण्ड में एक लोकसभा सीट दो दिन में  घूम कर भी पूरी नहीं कर पाते है,ख़ासकर पहाड़ी क्षेत्र में तो और मुश्किल है ।

डा बहुगुणा ने कहा कि हालाँकि जनसंख्या के आधार पर सीमांकन हेतु संविधान में भी परिवर्तन करना प्रासंगिक होगा परंतु आज जहाँ ज़्यादा बच्चे पैदा करने की चर्चा चारों ओर हो रही है और 2026 में सीमांकन की बात हो रही है तो उत्तराखंड की अस्मिता की रक्षा के लिए सीमांकन जनसंख्या की बजाय भौगोलिक आधार पर किया जाना चाहिये ।

हालाँकि मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री तक डेमोग्राफी चेंज रोकने की बात कहते है परंतु वेरिफिकेशन और अधिक स्तर पर सूक्ष्मता के साथ किया जाना आवश्यक होगा  और हम ये मांग कई वर्षों से उठाते रहे हैं और साथ ही यह  प्रयास होना चाहिए कि सीमांकन में 70 प्रतिशत भौगोलिकता के आधार को और 30 से 35 प्रतिशत जनसंख्या के आधार पर दिया जाना चाहिये । परंतु क्योंकि इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी तो यह केंद्र को देखना होगा ।

डॉ बहुगुणा ने सलाह दी कि जिस प्रकार माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक बार सीमांकन टाल दिया था ठीक उसी प्रकार सीमांकन को अभी अनिश्चित्काल के लिए टाल दिया जाना चाहिये । उन्होंने जम्मू कश्मीर का उदाहरण देते  हुए कहा कि तो वहाँ भी सीमांकन भौगोलिकता के आधार पर है।

डा बहुगुणा ने कहा कि हम ये मुद्दा उठा रहे है और बिलकुल ग़ैर राजनीतिकरूप से उठा रहे है  इसमें कोई राजनीति नहीं है और 15 तारीख़ कि रैली के लिए आमजनमानस से आव्हान करते है कि वो रैली में पधारें जिसका ज्ञापन ज़िलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा ।

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