इस साल 15 फीसदी कर्मचारियों के होंगे अनिवार्य ट्रांसफर, विशेष परिस्थितियों में मिलेगी छूट
Uttrakhand Govt employees स्थानांतरण सत्र 2023-24 के लिए स्थानांतरण की सीमा 15 प्रतिशत रहेगी। यद्यपि विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण की सीमा 15 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। कुछ खास परिस्थितियों में उन्हें छूट दी जाएगी।
स्थानांतरण सत्र 2023-24 के लिए स्थानांतरण की सीमा 15 प्रतिशत रहेगी। यद्यपि, विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण की सीमा 15 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। गंभीर रोग से ग्रस्त होने, बच्चे के बीमारी से ग्रस्त होने अथवा इकलौते बच्चे के दिव्यांग होने की स्थिति में भी कार्मिकों को अनिवार्य स्थानांतरण से छूट अथवा अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण किया जा सकता है।
ऐसे कार्मिक 15 प्रतिशत स्थानांतरण के दायरे में नहीं रखे जाएंगे। गत वर्ष ऐसे कर्मचारी भी 15 प्रतिशत के दायरे में थे। इसके साथ ही शासन ने विशेष परिस्थितियों में शिक्षकों के मध्यावधि में स्थानांतरण करने और अभियंत्रण सेवा के अभियंताओं का गृह जनपद में स्थानांतरण करने संबंधी आदेश भी जारी किए हैं। प्रदेश में इस वर्ष स्थानांतरण को लेकर मुख्य सचिव डा एसएस संधु की अध्यक्षता में बैठक हुई थी।
बैठक का कार्यवृत्त जारी होने के बाद अब शासन ने स्थानांतरण सत्र 2023-24 के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें स्थानांतरण अधिनियम के कुछ प्रविधानों में छूट दी गई है। स्पष्ट किया गया है कि स्थानांतरण की पात्रता सूची में केवल 15 प्रतिशत कार्मिक ही रखे जा सकेंगे।
केवल गंभीर बीमार कार्मिकों अथवा गंभीर बीमार बच्चों के अभिभावक कार्मिकों का स्थानांतरण इस तय सीमा से अतिरिक्त किया जा सकेगा।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि उल्लिखित बीमारी के अतिरिक्त गंभीर बीमारी पर स्थानांतरण के लिए प्रस्तुत प्रमाण पत्र का परीक्षण महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गठित समिति द्वारा किया जाएगा। इस प्रमाण पत्र के आधार पर कार्मिक के स्थानांतरण का प्रस्ताव मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को संदर्भित किया जाएगा।
यह भी स्पष्ट किया गया है यदि किसी कर्मचारी को दुर्गम से छूट दी गई है और वह एक ही कार्यालय में कई वर्षों से तैनात है तो उसे सुगम के ही निकटवर्ती जिले अथवा कार्यालय में तैनाती दी जा सकती है। पद रिक्त न होने की स्थिति में ऐसे कार्मिकों के बीच पारस्परिक स्थानांतरण किया जा सकता है।
इन बीमारियों को किया गया है चिह्नित
ब्लड कैंसर, एड्स, एचआइवी पाजीटिव, हृदय रोग (बायपास सर्जरी अथवा एनजियोप्लास्टी), किडनी रोग (दोनों किडनी फेल होने से डायलिसिस पर निर्भर, किडनी ट्रांसप्लांट की गई हो अथवा एक किडनी निकाली गई हो), टीबी (दोनों फेफड़े संक्रमित हों अथवा एक फेफड़ा खराब हो), रीढ़ की हड्डी टूटने, मिर्गी एवं मानसिक रोग।
अभियंत्रण सेवा में गृह जिले में मिल सकेगी तैनाती शासन ने सभी विभागों में तैनात अभियंत्रण सेवा के अभियंताओं के स्थानांतरण में कुछ छूट दी है। इसके अनुसार अधीक्षण अभियंता को गृह मंडल व जिले से बाहर तैनाती दी जा सकेगी।
अधिशासी अभियंता को गृह जिले में गृह खंड से इतर स्थानों पर तैनात किया जा सकेगा। इसी प्रकार सहायक अभियंताओं को गृह उपखंड व तहसील से बाहर तैनात किया जा सकेगा।
शिक्षा विभाग में मध्य सत्र में भी हो सकेंगे स्थानांतरण शासन ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा विभाग में विभागीय आवश्यकतानुसार मध्य सत्र में भी स्थानांतरण किए जा सकेंगे। ऐसा तब होगा, जब स्कूलों में छात्रों की पर्याप्त संख्या होने की स्थिति में शिक्षकों की कमी हो।
स्कूलों में छात्र संख्या कम अथवा अधिक होने पर शिक्षकों की संख्या कम अथवा अधिक होने पर भी स्थानांतरण किए जाएंगे। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, दीर्घ अवकाश व अन्य कारणों से विद्यालय शिक्षक विहीन होने की दिशा में भी शैक्षणिक सत्र की समाप्ति तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे।