सुभारती देहरादून में नए नाम से गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय को किया सी बी आई की टीम ने एन एम सी निरीक्षण को क्रॉस चेक । कई जगह से मिल रही थी शिकायते । देखे वीडियो ।

सूत्रो की खबर है की विभिन्न अनियमितताओं के चलते शासन एवं केंद्र को सुभारती देहरादून यानी नए नाम से आवेदित गौतक बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय नाम से आवेदन किया गया था पर जब 2016 से 2019 तक फर्जी नाम एम बी बी एस की मार्कशीट जारी करने वाले और उसके बाद जिस संस्था सुभारती ट्रस्ट पर उत्तराखंड सरकार ने 133 करोड़ की पेनल्टी लगा दी दुबारा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह और त्रिवेंद्र सिंह से सांठ गांठ कर एन ओ सी ले ली गईं जिस पर मुख्य सचिव स्तर से जांच जारी है और 3 दिन पहले चिकित्सा शिक्षा की टीम ने संस्थान का दौरा कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है आज इसी क्रम में एन एम सी ने सी बी आई की संयुक्त टीम के साथ निरीक्षण किया क्यूंकि फर्जी टीचर और सिर्फ दिखाने के लिए सिर्फ निरीक्षण को टीचर लाए जाते थे और सी बी आई की टीम ने किया एन एम सी निरीक्षण को क्रॉस चेक ।

आपको बता दे की उत्तराखंड सरकार के निदेशक चिकित्सा सिक्षा शासन को अपनी इस संबंध में रिपोर्ट दे चुके है और इस संस्थान के पूर्व कार्यकलापो का हवाला भी दे चुके है जिसमे जमीन मानकों के अनुरूप न होना तथा हॉस्पिटल का क्रियाशील न होना अहम होने के साथ संस्थान के चल रहे विभिन्न न्यायालय में विवाद और फर्जीवाड़ा शामिल है राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यह वही संस्थान है जिसने 2016 से 2019 तक फर्जीवाड़ा करके एम बी बी एस की डिग्री 300 छात्रों को दी और फर्जीवाड़ा मिलने के बाद राज्य सरकार की संस्तुति पर 300 एम बी बी एस के छात्रों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करना पढ़ा और राज्य सरकार ने इस संस्था पर 133 करोड़ रुपए की पेनल्टी भी लगाई जिसमे अभी 72 करोड देना लंबित है और इस देनदारी के बीच राज्य के सचिव पंकज कुमार पांडेय जो एन एच घोटाले में सस्पेंड रहे,इस संस्थान को बिना पिछला रिकॉर्ड देखे अपने स्तर पर एन ओ सी यानी एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट जारी कर दिया जिसकी शिकायत प्रधान मंत्री कार्यालय से लेकर DOPT भारत सरकार सहित राज्य सरकार को की गईं जिसने जांच जारी है हालांकि फर्जी शपथ पत्र और फर्जी कॉरपोरेट बैंक गारंटी और सारे लोन एवं संपति गिरवी की रिपोर्ट शासन के पास थी फिर भी शासन में बैठ इस सचिव पंकज पांडे ने बात टालने हेतु निदेशक को स्थलीय निरीक्षण का पत्र जारी करवा दिया जबकि इसकी जरूरत ही नहीं थी और प्रकरण और जांच को टालने की कोशिश की जबकि जांच शपथ पत्र और बैंक लोन एवं विवादो की होनी थी ।

आई ए एस पंकज पांडे द्वारा जारी किया गया एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट एन एम सी के फॉर्मेट पर न होने के साथ निदेशक चिकित्सा शिक्षा की रिपोर्ट का संज्ञान लिए बिना जारी किया गया क्योंकि निदेशक चिकित्सा शिक्षा ने स्पष्ट रूप से नाम बदल बदल कर फर्जीवाड़ा उजागर करने की बात और संस्था के नाम कोई जमीन या भू खंड न होने की बात या हॉस्पिटल क्रियाशील न होने की बात लिखते हुए यह भी लिखा गया था कि इस संस्था द्वारा राज्य सरकार का 72 करोड़ रुपए बकाया देना है और कई विवाद विभिन्न न्यायालयों में लंबित है । और खुद आई ए एस पंकज पांडे इस प्रकरण में विजिलेंस सहित शासन की सतर्कता और विजिलेंस जांच में घिरे हुए है और उन पर गाज गिरनी तय है क्योंकि पीएमओ से भी जांच बैठी हुई है ।

फर्जी मरशीत एमबीबीएस की को सुभारती ने छात्रों को दी

सूत्रो ने बताया की फर्जी फैकल्टी और किराए के बिना पंजीकरण के फर्जी डॉक्टर दिखाने की शिकायत के चलते 4 दिन पूर्व राज्य सरकार की टीम और आज एन एम सी सहित सी बी आई की टीम ने सुभारती के कतिथ नए नाम गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय देहरादून का दौरा किया और विभिन्न तथ्यो को जांच की । टीम ने यह भी पाया की मामला माननीय उच्च न्ययालय नैनीताल में लंबित हैं और एन एम सी को इस दौरान क्या क्या शिकायते प्राप्त हुई है ( देखे वीडियो ) यहां तक की कोरोना में दिवंगत हो चुके लोगो के जेवर भी उतार कर चुरा लिए और पिछले कोरोना वेव में इनके ही अन्य संस्थान ने नकली रेमडेसिवर का यानी पानी भरा इंजेक्शन लगा कर एक मरीज की जान ले थी । जिसमे कई गिरफ्तारी भी हुई थी ।

सुभारती का नाम बदलबकर MTVT बुद्धिस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट करने वाले इसके मुख्य संचालक अतुल भटनागर पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हत्यां के आरोप धारा 302,120 बी में चार्जशीट यानी आरोप पत्र दाखिल कर चुका है एवम कई अन्य केस भी उन पर दर्ज है

तथा कई केस विभिन्न अदालतों में MTVT ट्रस्ट के प्रचलित है जिनमे कई जमीनों पर स्टे एवं परमानेंट इनजंक्शन भी न्यायालय से मूल स्वामियों को मिला हुआ है।

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