निशंक के गुंडे बाल कृष्ण चमोली ने मुख्यमंत्री का नाम लेकर दी वॉयस ऑफ नेशन को धमकी ।
देहरादून : माननीय उच्च न्यायालय में अपने खिलाफ हुए सांसदी को चैलेंज हुए मुकदमे से त्रस्त हुए निशंक फिर ओछी हरकतें करने लगे हैं और अक्सर चुनाव के दौरान मीडिया के स्वतंत्र विचारों को दबाने के लिए निशंक येन केन प्रक्रेण धमकियां या हमले की करवाही करते रहते हैं इसी क्रम में आज फिर अपने को निशंक का कार्यालय इंचार्ज बताने वाले बालकृष्ण चमोली नाम के गुंडे ने वॉयस ऑफ नेशन के मोबाइल नंबर 7579193109 पर रात्रि 9.43 पर अपने मोबाइल नंबर +919639699997 से कॉल किया और उत्तेजना पूर्ण वार्ता की और मीडिया की स्वतंत्रता पर आघात करने की कोशिश की और जबरदस्ती खबर का आधार पूछने की कोशिश की जिस पर चैनल की ओर से कहा गया की आपको जो कहना या पूछना है उसके लिए नोटिस या पत्र भेज दीजिए जिस पर कड़क आवाज में कहा गया की हमे नही जानना है कोई जवाब और फोन काट दिया गया । इस व्यक्ति द्वारा पहले कहा गया की मैं मुख्यमंत्री के यहां से बोल रहा हूं और बाद में कहा की रमेश पोखरियाल के यहां से बोल रहा हूं देखिए फेसबुक पर इस नंबर से प्राप्त स्क्रीन शॉट

पिछली बार 2012 के चुनावो में बम फिकवाया और आगजनी करवाई
आपको बता दे की पिछले 2012 के विधान सभा चुनाव में रुचि छेत्री नामक महिला द्वारा अपने पुत्र का पिता निशंक को बताने पर बयान जारी किया था और शपथ पत्र भी दिया था जिसकी वीडियो चैनल के पास उपलब्ध है और अजय बिष्ट के निवेदन पर चैनल द्वारा यूट्यूब से हटा दी गई थी जिसका सबूत और रिकॉर्डिंग भी चैनल के पास उपलब्ध है ।
इसी खबर के चलते वॉयस ऑफ नेशन के कार्यालय पर रमेश पोखरियाल के गुंडों द्वारा पेट्रोल बम और आगजनी चैनल के कार्यालय पर की थी और जिलाधिकारी देहरादून द्वारा चैनल के कार्यालय को चुनाव तक सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई थी इस हमले का विरोध पूरी मीडिया और कांग्रेस पार्टी के पांचों सांसदों सहित प्रदेश अध्यक्ष आदि ने भारी विरोध किया था
देखे पत्र :


उत्तराखंड इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रमेश पोखरियाल के इस कृत्य की घोर निन्दा करती है ।
वही चैनल के मुख्य संपादक मनीष वर्मा ने कहा की रमेश पोखरियाल उनसे व्यक्तिगत रंजिश रखते हैं और क्यूंकि रमेश पोखरियाल के खिलाफ उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड में उनका चुनाव निरस्त करने की याचिका लगाई हुई है , इसलिए समय समय पर पोखरियाल आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते हैं और इसी रंजिश के चलते उन पर कई केस आदि करवाए और उनका कॉलेज भी अपने निकस्थ अधिकारियों की टीम मुख्यमंत्री रहते भेज कर जबरन बंद करवाया था ।
श्री मनीष वर्मा ने कहा की निशंक के खिलाफ विजिलेंस की जांच आने के बाद मोदी ने उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया जिसके सबूत भी उनके पास उपलब्ध है ,साथ ही उनकी डिग्री आदि से संबंधित कागजात आर टी आई में प्राप्त किए है, जो समय आने पर वे न्यायालय में दाखिल करेंगे । तथा उनकी एक याचिका माननीय राष्ट्रपति के यहां भी लंबित हैं ।
श्री मनीष वर्मा ने रमेश पोखरियाल निशंक एवं उनके संरक्षण में पल रहे सुभारती के अतुल कृष्ण भटनागर जिन पर सी बी आई हत्या में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है, से जान का खतरा है और वो इस विषय में आज ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री मोदी और डी जी पी उत्तराखंड सहित माननीय उच्च न्यायालय को अवगत करवा रहें हैं श्री वर्मा ने रमेश पोखरियाल को एक बार फिर याद दिलाने की कोशिश की है की जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों को पत्थर नही मारते है और पोखरियाल इस युद्ध को आगे बढ़ाना चाहते है तो उनका स्वागत है और ईट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा वाली कहावत चरितार्थ होती ही दिखेगी और भाजपा को इसका जवाब इसी चुनाव के दौरान दिख जायेगा । श्री मनीष वर्मा ने कहा की उनके सूत्रों से खबर मिली थी कि भाजपा निशंक को विधान सभा चुनाव लड़वा सकती है और निशंक को भविष्य में मुख्यमंत्री का दावेदार देखा जा रहा था पर ब्रेक के बाद की पूरी खबर प्रसारित होने से पूर्व ही ये धमकी आ गई । निशंक को अपने कार्यालय इंचार्ज के लिए माफी मांगनी चाइए तत्काल ऐसे लोगो को हटा देना चाहिए जो उनके नाम में पलीता लगा रहे हों ।
आपको बता दे की मीडिया की स्वतंत्रता के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि मीडिया की अभिव्यक्ति और स्वतंत्रता का हनन नहीं किया जा सकता ।