जानवर की चर्बी से नकली देशी घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, पढ़े पूरी खबर

आगरा,VON NEWS: पैसे की भूख मिटाने के लिए जानवर की चर्बी से नकली घी तैयार कर बाजार में खपाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के खंदौली कस्बे में चल रही फैक्ट्री पर छापा मार पुलिस ने भारी मात्रा में तैयार ‘दैशी घी’ के साथ ही जानवरों की हड्डियां, पैर और खुर बरामद किया है।

फैक्ट्री संचालक सहित चार को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दो फरार हो गए। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है, जिसे फुटकर व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।

पुलिस टीम ने मंगलवार तीसरे पहर यहां पर फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की। गैस के चूल्हे पर चर्बी उबल रही थी। पुलिस के पहुंचते ही फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों में भगदड़ मच गई। पुलिस ने चार लोगों को दबोच लिया।

वनस्पति घी और रिफाइंड मिलाते थे : चांदबाबू ने पुलिस को बताया कि वे जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर उबालकर इसमें तय मात्रा में वनस्पति और रिफाइंड मिला देते हैं। एसेंस (खुशबू) की मिलावट के बाद यह हूबहू असली घी लगता है।

आसपास के जिलों में करते थे सप्लाई : पकड़े गए फैक्ट्री मालिक चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि लंबे समय से नकली घी तैयार कर आसपास के जनपदों में सप्लाई किया जा रहा था। वे सप्लायरों के माध्यम से इसकी बिक्री कर देते थे। आरोपित चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि छलेसर कट्टी खाने से चर्बी 18 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदता है। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है। जिसे वह व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।

आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज : एसओ खंदौली अरविंद सिंह निर्वाल के मुताबिक, खाद सुरक्षा अधिकारी त्रिभुवन नारायण की तहरीर पर गिरफ्तार आरोपितों सहित छह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण (धारा 272, 273) और असुरक्षित या संदूषित या अवमानक खाद्य (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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