देश में कहां कूड़े से तैयार मिट्टी से बनने जा रही पहली सड़क, जानिये
पूर्वी दिल्ली,VON NEWS: गाजीपुर लैंडफिल साइट पर ट्रामेल मशीनों के जरिये कूड़े का निस्तारण कर मिट्टी (सड़क बनाने में इस्तेमाल योग्य) बनाई जा रही है। काफी मात्रा में मिट्टी लैंडफिल साइट पर ही पड़ी हुई है। इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से निस्तारण की गति भी मंद पड़ गई है। लेकिन अब इस मिट्टी के प्रयोग का रास्ता खुलता दिखाई दे रहा है। इससे प्रयोग के तौर पर एनएच-9 के पास कल्याणपुरी क्षेत्र में आठ सौ मीटर की सड़क बनाई जाएगी।
निगम का दावा है कि देश में यह पहली सड़क होगी जो कूड़े से तैयार मिट्टी से बनेगी। इस पर जल्दी काम शुरू हो जाएगा। अगर यह सफल रहा तो एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) भी जल्द ही इस मिट्टी का प्रयोग शुरू कर देगा।
दरअसल, साल 2016 में पूर्वी निगम और एनएचएआइ के बीच एक समझौता हुआ था। इसके तहत गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पड़े कूड़े से ट्रामेल मशीनों के जरिये निकली मिट्टी का प्रयोग एनएचएआइ को हाईवे बनाने के लिए करना था। लेकिन बाद में एनएचएआइ ने इसका इस्तेमाल करने से इन्कार कर दिया। इसकी वजह यह थी कि इस मिट्टी के जरिये बनी सड़क के भविष्य पर शंकाएं थी।
इसे देखते हुए पूर्वी निगम के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के प्रमुख विज्ञानी सलाहकार के विजय राघवन के कार्यालय से संपर्क साधा। वहां पूरी योजना को पेश किया गया। यहां तय हुआ कि पहले प्रयोग के तौर पर एक सड़क बनाई जाए। इसके परिणाम के आधार पर आगे का फैसला किया जाएगा।
इसके बाद राघवन के कार्यालय के वाइस प्रेसिडेंट स्वपन मेहरा, सीआरआरआइ (केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान) के वरिष्ठ विज्ञानी डा. वसंत ने पूर्वी निगम के पूर्व मुख्य अभियंता प्रवीण खंडेलवाल के साथ एनएच-9 का दौरा किया। एनएच-9 के आसपास तीन जगहों का अवलोकन किया गया, जहां निगम को सड़कें बनानी थी। मयूर विहार फेज-2 के पास सड़क पर भार अधिक न होने की वजह से उसे रद कर दिया गया। इसके बाद कल्याणपुरी और अक्षरधाम मंदिर के पास प्रस्तावित सड़क की जगह का अवलोकन किया गया। इसमें कल्याणपुरी के पास 800 मीटर की सड़क इस मिट्टी से बनाने का फैसला किया गया।
गाजीपुर साइट पर रोज 3500 मीटिक टन मिट्टी हो रही तैयार
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 800 मीटर की सड़क बनाने पर करीब 25 हजार मीटिक टन मिट्टी का इस्तेमाल होगा। अभी गाजीपुर लैंडफिल साइट पर प्रतिदिन 3500 मीटिक टन मिट्टी तैयार हो रही है। फिलहाल इसमें से कुछ हिस्सा बदरपुर स्थित बोटेनिकल पार्क और गाजीपुर स्थित कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र में इस्तेमाल हो रहा है।