दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा केंद्र और दिल्ली पुलिस से जवाब ट्रैफिक चालान प्रक्रिया बदलने पर
VON NEWS दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पुराने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत मौके पर ही चालान जमा करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के चलते लोगों को चालान की राशि जमा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
- लोगों को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना
- ऑनलाइन या कोर्ट में ही चालान भरने की सुविधा
मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल 2020 को होगी। सुनवाई के दौरान बेंच ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि आप मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अपराधों के लिए अधिकारियों को सूचित क्यों नहीं करते हैं, यह हम सभी के लिए फायदेमंद है।
ट्रैफिक चालान प्रक्रिया बदलने पर को लेकर वकील अमित साहनी ने अपनी याचिका में कहा था कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि लालबत्ती जंप या बिना हेलमेट वाहन चलाने पर कटने वाले चालान के लिए या तो कोर्ट जाना पड़ता है या फिर ऑनलाइन चालानन भरना पड़ता है। जिसमें क्रेडिट या डेबिट कार्ड का प्रयोग करना पड़ता है।
याचिकाकर्ता ने अपनी इस जनहित याचिका में दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और
परिवहन मंत्रालय को पार्टी बनाया है। वहीं मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में मौके पर चालान की राशि भरने का प्रावधान था, जिसे संशोधित कानून में शामिल नहीं किया गया है।
अपनी याचिका में साहनी ने लिखा कि देश में कई लोगों के पास अभी भी डेबिट या क्रेडिट कार्ड नहीं है। यहां तक कि कुछ लोग ऑनलाइन चालान जमा करना भी नहीं जानते हैं। जिसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कोर्ट में चालान की राशि जमा करने के बाद उन्हें ट्रैफिक पुलिस सर्किल ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं।
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