कोरोना वायरस की जांच के लिए सरकार ने तय की कीमत, 4500 रुपये में घर बैठे करवा सकते हैं टेस्ट

कोरोना वायरस की जांच के लिए केंद्र सरकार ने प्राइवेट लैब के शुल्क तय कर दिए हैं। अब साढ़े चार हजार रुपये देकर कोरोना संक्रमण की जांच कराई जा सकती है। इसमें तीन हजार जांच और डेढ़ हजार रुपये स्क्रीनिंग के शामिल हैं। हालांकि सरकार ने लोगों से बेवजह जांच न कराने की अपील भी की है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल का कहना है कि कोरोना वायरस की जांच हर किसी को कराने की जरूरत नहीं है। जो हाल ही में विदेश यात्रा से लौटकर आए हैं या फिर जो लोग विदेश से आने वालों से संपर्क में आए हैं तो वे लोग जांच करा सकते हैं।

शनिवार रात जारी आदेशों में सरकार ने ये भी कहा है कि जिन प्राइवेट लैब के पास एनएबीएच सर्टिफिकेट होगा, उन्हीं को कोविड-19 की जांच कराने की अनुमति मिल सकती है।

घर बैठे दे सकेंगे सैंपल
सरकार ने आदेश में लिखा है कि प्राइवेट लैब घर बैठे संदिग्ध मरीजों का सैंपस ले सकती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि संदिग्ध के संपर्क में आने वाले लोगों को दूर रखा जा सकता है। हालांकि इसके लिए लैब में कार्यरत स्टॉफ को प्रशिक्षित करना होगा।

पॉजिटिव मिलने पर सैंपल भेजना होगा पुणे
सरकार ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए प्राइवैट लैबों को कुछ हिदायतें भी दी हैं। अगर किसी व्यक्ति का सैंपल पॉजिटिव आता है तो अंतिम जांच के लिए उसे पुणे स्थित आईसीएमआर की लैब भेजना आवश्यक होगा। इसके बाद ही व्यक्ति को कोरोना है या नहीं, इसकी पुष्टि हो सकेगी।

हर एक सैंपल की रिपोर्ट व जानकारी सरकार के साथ साझा करनी होगी। निगेटिव सैंपल को एक सप्ताह के अंदर नष्ट करना होगा। कोविड-19 से जुड़ी जांच के डेटा को किसी भी कार्य में इस्तेमाल नहीं लाया जाएगा।

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