जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार खत्म: वहां पारदर्शिता और सच्चा लोकतंत्र
नई दिल्ली,VON NEWS: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब भ्रष्टाचार नहीं बल्कि पारदर्शिता और सच्चा लोकतंत्र है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए बजटीय प्रस्तावों और अनुदान मांगों पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से वहां कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं और इनमें निर्यात में बढ़ोतरी शामिल है।
जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के विकास के लिए केंद्र द्वारा की गईं कई पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ब्लॉक डेवलेपमेंट काउंसिल के चुनाव सफलतापूर्वक कराए जा चुके हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि अब लोग संबंधित मंत्रियों, उपराज्यपाल या सलाहकारों से सीधे संपर्क कर सकते हैं। कल ही कई कारोबारियों ने गृह मंत्री समेत कई मंत्रियों से मुलाकात की है। वे इस बात से अभिभूत थे कि वे अब केंद्र सरकार तक पहुंच सकते हैं। यह स्वागत योग्य बदलाव है। पांच अगस्त, 2019 से पहले वे श्रीनगर भी नहीं पहुंच सकते थे।
पर्यटकों के लिए खुला, आतंकियों के लिए बंद
रेड्डीकेंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए विपक्षी दलों के उन दावों को खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर को खुली जेल में तब्दील कर दिया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नवसृजित केंद्र शासित प्रदेश पर्यटकों के लिए खुला है और आतंकियों के लिए बंद है।
एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट मंजूर
लोकसभा ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 1,01,428 करोड़ का बजट पारित कर दिया। इसमें पर्यटन और संस्कृति क्षेत्र के लिए 706 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही तीन धार्मिक सर्किट बनाने की घोषणा भी की गई है। इसमें सरकारी क्षेत्र में 50 हजार रिक्तियों को भरने का प्रस्ताव भी किया गया है।
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