नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति में ‘शाही तख्तापलट’ से इनकार

VON NEWS: मलयेशिया के राजमहल ने देश के नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति में ‘शाही तख्तापलट’ की खबरों को सिरे से खारिज किया है। राजमहल ने कहा कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति में किंग सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने संविधान में मिली शक्तियों का ही इस्तेमाल किया है।

ब्रिटिश अखबार ‘गार्जियन’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि विपक्ष के पास बहुमत के आंकड़े होने के बावजूद किंग सुल्तान शाह ने नए प्रधानमंत्री के रूप में  मुहिद्दीन यासीन को चुनकर लोकतांत्रिक चुनाव नतीजों को पलट दिया था। यासीन ने पिछले रविवार को देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

 

उन्होंने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरी पार्टी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया था। 2018 के आम चुनाव में इस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। राजमहल ने ‘शाही तख्तापलट’ के आरोपों पर रविवार को सफाई देते हुए कहा कि किंग ने सभी सांसदों और पार्टियों के साथ बैठक करने के बाद ही नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति का निर्णय किया था। प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया संविधान के तहत की गई थी।

बता दें कि 94 साल के महातिर मोहम्मद की पार्टी बेरास्तु ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद उन्हें 24 फरवरी को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 2018 में उन्होंने यह पद संभाला था और दुनिया के सबसे बुजुर्ग पीएम बने थे।

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