अब गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भी भारत में शामिल होने को तैयार

जिनेवा,VON NEWS: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भी भारत के साथ आना चाह रहे हैं। इस इलाके में रहने वालों का कहना है कि पाकिस्तान उनके ऊपर तमाम तरह से अत्याचार कर रहा है। जब से जम्मू से अनुच्छेद 370 हटा है उसके बाद अब वहां पर विकास के तमाम काम शुरू हो चुके हैं।

जम्मू में नई-नई इंडस्ट्री भी लग रही है और पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है। गिलगित बाल्टिस्तान का इलाका केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से लगा हुआ है, इस वजह से वहां के लोग चाहते हैं कि भारत उनको अपने हिस्से में मिला और विकास के काम करवाए। इस इलाके में रहने वाले काफी समय से पाकिस्तान की हरकतों से परेशान हैं।

अनुसार इन दिनों स्विटजरलैंड के जिनेवा शहर में युनाइटेड नेशन मानवाधिकार कॉफ्रेंस चल रही है, इसी कॉफ्रेंस के एक सत्र में इंस्टटिट्यूट ऑफ गिलगित बालटिस्तान के डायरेक्टर सेंगे सेरिंग ने पाकिस्तान के अत्याचारों की कहानी बताई है।

उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों पर पाकिस्तानी सेना और उसके आतंकियों का खतरा मंडराता रहता है। सेंगे सेरिंग ने भारत से आग्रह किया है कि वह गिलगित बाल्टिस्तान पर अपने संवैधानिक कब्जे को हासिल करे। इस मौके पर लोगों ने कहा कि दुनिया के सामने पाकिस्तान का बदरंग चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है।

सेरिंग ने जिनेवा में मानवाधिकार सत्र की बैठक के दौरान कहा कि गिलगित बालटिस्तान के लोगों पर पाकिस्तान अत्याचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दबंग गिलगित के नागरिकों का अपहरण कर लेते हैं और नरसंहार करते हैं। चूंकि ये इलाका लद्दाख से लगा हुआ है इस वजह से भारत को इस इलाके को अपने कब्जे में ले लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गिलगित बाल्टिस्तान के नागरिक लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा होने के नाते संवैधानिक तौर पर भारत के नागरिक हैं। उनके ऊपर पाकिस्तानी सेना और उनके आतंकियों का खतरा मंडरा रहा है। जो यहां अपने संसाधनों की रक्षा कर रहे हैं, उनका या तो अपहरण कर लिया जाता है या फिर उन्हें मार दिया जाता है।’
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