आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी को कब्जे में ले सकती है सरकार: जाने
रामपुर,VON NEWS: सपा सांसद आजम खां के जेल जाने के बाद योगी सरकार उनकी जौहर यूनिवर्सिटी को कब्जे में ले सकती है। आजम, उनकी पत्नी व बेटे के जेल जाने के बाद यूनिवर्सिटी पर संकट के बादल छा रहे हैं। जिलाधिकारी ने इसको संचालित कर रहे ट्रस्ट की रिपोर्ट नहीं मिलने पर शासन को अवगत कराया है।
आजम यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं। उनके बेटे अब्दुल्ला सीईओ और ट्रस्ट के सदस्य हैं। आजम की पत्नी विधायक डॉ. तजीन फात्मा भी ट्रस्ट की सदस्य हैं।
जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष सलीम कासिम भी सदस्य हैं। ये सभी अब जेल में बंद हैं। विवि को संचालित करने वाले जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम और दूसरे सदस्य भी फर्जीवाड़े में फंसे हैं। ट्रस्ट की ओर से प्रति वर्ष की रिपोर्ट नहीं भेजकर नियमों का उल्लंघन किया गया।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि ट्रस्ट को हर साल एक अप्रैल को डीएम को प्रगति रिपोर्ट देनी होती है लेकिन, जौहर ट्रस्ट ने कभी कोई रिपोर्ट नहीं दी। इसकी जांच उपजिलाधिकारी सदर को सौंपी है। हम चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी चलती रहे। हमने सरकार को भी रिपोर्ट दी है कि इसे टेकओवर कर लिया जाए और उसे मौजूदा स्वरूप में चलने दिया जाए।
यह यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान है। पिछले साल ही प्रदेश सरकार ने कानून बनाया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी में अगर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता पाई जाती है तो वहां प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है।
इसके अलावा पिछले साल 26 किसानों ने आजम के खिलाफ जमीन कब्जा कर यूनिवर्सिटी में मिलाने के मुकदमे दर्ज कराए थे। कस्टोडियन की करीब ढाई सौ बीघे को वक्फ संपत्ति बताया। इसमें आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। चकरोड की जमीन की अदला-बदली करने में भी अनियमितता मिलीं। यूनिवर्सिटी में कोसी नदी क्षेत्र की 140 बीघा जमीन मिली। अनुसूचित जाति के लोगों की 101 बीघा जमीन बिना परमिशन के खरीदने का मामला भी सामने आया। यूनिवर्सिटी की इमारतों का लेबर सेस भी अदा नहीं किया गया।
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