कहीं आप तो नहीं Orphan Disease के शिकार
नई दिल्ली,VON NEWS: फरवरी के अंतिम दिन हर साल दुर्लभ “रोग दिवस“ मनाया जाता है। इन्हें ऑरफन डिजीज नाम से जानते हैं। ये रोग मरीज और उसके परिजनों के लिए अनगिनत चुनौतियों को पेश करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण वक्त पर सही उपचार न मिलना है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसी बीमारियों के लक्षण पहचानने में काफी दिक्कत होती है।
दुर्लभ बीमारियों का प्रभाव और पहुंच काफी अलग होती है। ये रोग ऐसे होते हैं कि इससे मुट्ठी भर लोग भी प्रभावित हो सकते है और ज्यादा लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। दुर्लभ रोगों का उपचार इसके असामान्य लक्षणों के कारण काफी मुश्किल होता है। ऐसा कहा जाता है कि 20 में से 1 भारतीय एक दुर्लभ बीमारी से प्रभावित है।
दुनिया भर में 350 मिलियन लोग दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित
“इंडियन सोसायटी“ फॉर क्लीनिकल रिसर्च (ISCR) के अनुसार भारत में 70 मिलियन और दुनिया भर में 350 मिलियन लोग दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं। 7,000 से अधिक विभिन्न प्रकार के दुर्लभ और आनुवंशिक रोग (Genetic Diseases) हैं। इसने कैंसर और एड्स से अधिक लोगों को प्रभावित किया है और इनमें से अधिकतर का प्रसार तेज होता है, इनसे जीवन को भी खतरा होता। इन दुर्लभ बीमारियों में से 80 प्रतिशत में आनुवंशिक उत्पत्ति होती है।
दुर्लभ बीमारियों के निदान और उपचार में सुधार के लिए बहुत काम किया जाना बाकी
दुर्लभ बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने और दुर्लभ बीमारियों के निदान और उपचार में सुधार के लिए बहुत काम किया जाना बाकी है। 7000 दुर्लभ बीमारियों में से केवल 5 प्रतिशत का ही उपचार संभव है। बेंगलुरु के एसपीआरएआरएच हॉस्पिटल की कंसल्टेंट माइक्रोबायोलॉजिस्ट और इंफेक्शन कंट्रोल ऑफिसर डॉ. मयूरी.के.एस. ने कुछ दुर्लभ बीमारियों के बारे में जानकारी दी। आइए जानते हैं ऐसे कुछ बीमारियों के बारे
आदमी को अंधा कर सकता है एसेंथामोएबा केराटाइटिस
एसेंथामोएबा “केराटाइटिस“ एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जिससे आदमी अंधा हो सकता है। यह बीमारी परजीवी संक्रमण का कारण बनती है और कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों में सबसे अधिक पाई जाती है। यह मिट्टी और पानी में पाया जाता है और त्वचा, आंखों और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित करता है। कॉर्निया के इस संक्रमण का पारंपरिक दवाओं से इलाज करना मुश्किल है। कॉर्निया को नुकसान पहुंचने के कारण यह कुछ मामलों में अंधेपन का कारण बन सकता है।
घातक ब्रेन डिसऑर्डर है क्रुत्ज़फेल्ट-जैकब रोग
क्रुत्ज़फेल्ट-जैकब रोग (CJD) एक घातक ब्रेन डिसऑर्डर है। माना जाता है कि यह प्रिजन नामक प्रोटीन से होता है। शुरुआती लक्षणों में देखने में दिक्कत, यादास्त की समस्या, व्यवहार में परिवर्तन शामिल हैं। बाद के लक्षणों में कमजोरी, अंधापन शामिल हैं। लगभग 70 प्रतिशत लोग रोग के बारे में पता चलने के एक वर्ष के भीतर मर जाते हैं। इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है।
टैपवार्म के कारण होता है सिस्टसरकोसिस
सिस्टसरकोसिस एक दुर्लभ संक्रामक बीमारी है। यह एक ऊतक संक्रमण है (Tissue Infection) जो पोर्क में मौजूद टैपवार्म के कारण होता है। यह न्यूरोसिस्टेरिसोसिस का कारण बनता है जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है और “न्यूरोलॉजिकल“ लक्षण पैदा कर सकता है। इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में सालों तक कुछ लक्षण दिखाई नहीं देता। आमतौर पर दूषित भोजन खाने से सिस्टिसिरोसिस होता है।
यह भी पढ़े
BS6 इंजन में लॉन्च हुई Honda Unicorn 160, अब मिलेगा और भी ज्यादा माइलेज