Shri Ram Mandir: राम शिलाओं से बनेगा एक और मंदिर
अयोध्या,VON NEWS: “रामजन्मभूमि“ परिसर में रामलला के प्रस्तावित मंदिर के अलावा एक और मंदिर होगा। यह मंदिर भी रामजन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित उसी मॉडल के अनुरूप होगा, जिस मॉडल पर रामलला का मंदिर बनेगा। हालांकि, यह मंदिर रामलला का न होकर मंदिर के प्रति आस्था की संवाहक उन शिलाओं का होगा, जो मंदिर निर्माण के लिए 1989 में देश के तीन लाख गांवों से पूजित कराकर लाई गई थीं।
सुप्रीम फैसले के साथ आज भले ही मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है, पर एक समय मंदिर निर्माण का आग्रह व्यापक आंदोलन का सबब था। मंदिर निर्माण कार्यशाला में संरक्षित राम-शिलाओं से इस सच्चाई की तस्दीक होती है।
यह शिलाएं 1989 में वजूद में आईं, जब सात अक्टूबर 1984 से शुरू मंदिर आंदोलन तरुणाई से यौवन की दहलीज की ओर बढ़ रहा था। विहिप नेतृत्व और उसके समर्थक संत बार-बार मंदिर निर्माण शुरू करने की चेतावनी दे रहे थे, पर यह कैसे संभव होगा? इसी सवाल को ध्यान में रखकर देश भर में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ईंटों का पूजन कराया गया। इन ईंटों को नाम दिया गया, राम-शिला।
शुरुआत के करीब एक दशक तक इन शिलाओं को “रामजन्मभूमि“ से कुछ ही फासले पर स्थित फकीरेराम मंदिर में रखा गया, तो 1998 में इन्हें रामघाट स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला के परिसर में स्थापित किया गया। ठीक उसी आकार में जैसा “रामजन्मभूमि“ पर प्रस्तावित मंदिर है। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार मंदिर आंदोलन की व्यापकता बयां करने वाली इन शिलाओं को मंदिर परिसर में ही स्थापित कर उनकी गौरव-गरिमा से न्याय किया जाएगा।
दूसरे देशों से भी आईं शिलाएं
राम-शिलाओं से मंदिर के प्रति यूके, यूएसए, हालैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों के साथ दुनिया भर के हिंदुओं का राममंदिर के प्रति अनुराग परिलक्षित है। राम-शिलाओं के जखीरे में इन देशों से आईं शिलाएं शामिल हैं।
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