विदेशी परिंदों को यूं ही नहीं पसंद आ गई ताजनगरी, पढ़े पूरी खबर

आगरा,VON NEWS: ताजनगरी का मौसम अनुकूल है और कीठम झील में पानी भी भरपूर है। भोजन की अधिकता है और पक्षियों के फ्लाइवे पर अवरोधक तत्व नहीं हैं। उसके बाद भी विदेशी मेहमानों का कलरव कम सुनाई दे रहा है।

दरअसल, आगरा में कई स्थानों पर देशी-विदेशी पक्षियों के ठिकाने हैं। कीठम झील, सेवला के पास का वेटलैंड में सर्दी के मौसम में अक्टूबर से फरवरी तक देशी-विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है। जो इस बार कम दिखाई दे रहे हैं। कीठम झील में बार हैडेड गूज, फ्लेमिंगो, ग्रेट कार्मोरेंट, कामन टील और पेलिकन ही दिखाई देती है।

पक्षी न आने का कारण, प्रवासी पक्षियों के मूल ठिकानों पर मौसम में परिवर्तन नहीं हुआ है। पक्षी विशेषज्ञ व वेटलैंड इंटरनेशनल के दिल्ली स्टेट कार्डिनेटर टीके राय ने बताया कि ताजनगरी में ज्यादातर पक्षी हिमालय क्षेत्रों से आते हैं। वहां बर्फ जमने पर उनके भोजन की किल्लत होती है। तब वह आगरा की कीठम झील, भरतपुर का घना पक्षी विहार और अजमेर की अना सागर झील में पहुंचते हैं। अभी वहां का मौसम उनके लिए अनुकूल है।

यहां से आते थे पक्षी

कीठम झील में ज्यादा पक्षी अफगानिस्तान, कुछ यूरोप, सेंट्रल एशिया, नार्थ एशिया, रसिया, साइबेरिया, चीन, मंगोलिया से आते हैं।

ये आती हैं प्रजाति

कीठम झील व सेवला के पास वेटलैंड में कामन टील, फ्लेमिंगो, रूडी शेल्डक, बार हैडेड गूज, नोर्दन पिनटेल, नार्दन शोवलर, पाइड एवोसेट, टफ्टिड डक, ग्रे लैग गूज, लेशर विशलिंग डक, काम्ब डक, स्पून विल्ड डक, गेडवाल, गारगेने, पेंटेड स्टार्क, ब्लैक विंग स्टिल्ट, पर्पल स्वैंप हैन, सेंडपाइपर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, यूरेशियन कर्ल्यू, पेंटेड स्नाइप, ग्रेट व्हाइट पेलिकन सहित सैकड़ों पक्षी पहुंचते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button