एलआईसी की इस पॉलिसी में जीवन बीमा के साथ है निवेश से मुनाफा कमाने का मौका, जानिए

नई दिल्ली,VON NEWS: अगर आप अपनी बचत के रुपयों को ऐसी जगह निवेश करना चाह रहे हैं जहां, सुरक्षा और बेहतर रिटर्न दोनों मिलें, तो आप भारतीय जीवन बीमा निगम की निवेश योजनाओं में अपना पैसा लगा सकते हैं।

एलआईसी (LIC) की ऐसी ही एक योजना है, जिसका नाम है सीप (SIIP)। यह एक यूनिट-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, रेगुलर प्रीमियम व्यक्तिगत जीवन बीमा योजना है। यह पॉलिसी की पूरी अवधि के दौरान बीमा और निवेश सुरक्षा प्रदान करता है। ग्राहक इस योजना को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से खरीद सकते हैं।

एलआईसी की एसआईआईपी योजना को को www.licindia.in वेबसाइट पर लॉग इन कर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इस योजना में चार प्रकार के निवेश फंड में से एक में निवेश कर सकते हैं। ग्राहक द्वारा दिये गए प्रीमियम में से प्रीमियम आवंटन शुल्क काटकर शेष राशि से चुने गए फंड में से यूनिट खरीदे जाते हैं।

पॉलिसी की अवधि के दौरान निवेशक वार्षिक, अर्ध-वार्षिक, तिमाही या मासिक आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। वार्षिक, अर्ध-वार्षिक और तिमाही प्रीमियम के भुगतान के लिए अनुग्रह अवधि 30 दिन और मासिक प्रीमियम के लिए 15 दिन है।

मृत्यु होने पर

इस पॉलिसी में जोखिम प्रारंभ होने से पूर्व मृत्यु होने पर यूनिट फंड मूल्य के बराबर राशि प्रदान की जाती है। वहीं, जोखिम प्रारंभ होने की तारीख के बाद मृत्यु होने पर निम्न में से जो भी अधिक होगा, उसके बराबर राशि देय होगी। 1. आशिंक आहरण, अगर मृत्यु की तारीख के तुरंत पहले की दो साल की अवधि के दौरान किया गया हो, को घटाकर मूल बीमा राशि। 2. यूनिट फंड मूल्य। 3. आशिंक आहरण, अगर मृत्यु की तारीख के तुरंत पहले की दो साल की अवधि के दौरान किया गया हो, को घटाकर मृत्यु की तारीख तक प्राप्त किया गया कुल प्रीमियम का 105 फीसद।

परिपक्वता लाभ

अगर पॉलिसीधारक परिपक्वता की अवधि तक जीवित रहता है और पॉलिसी के तहत सभी प्रीमियमों का भुगतान कर दिया गया है, तो यूनिट फंड मूल्य के बराबर राशि प्रदान की जाती है।

आंशिक निकासी

पॉलिसी के पांच साल पूरे होने के बाद आप कभी भी यूनिटों का आंशिक आहरण कर सकते हैं। शर्त यह है कि आंशिक निकासी की तारीख तक के सभी देय प्रीमियमों का भुगतान कर दिया गया हो। आंशिक निकासी से संबंधित शर्ते निम्न हैं।

नाबालिग व्यक्तियों के विषय में आंशिक निकासी बीमित व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो जाने पर ही की जा सकेगी। आंशिक निकासी की अधिकतम राशि की बात करें, तो 6 से 10 पॉलिसी वर्ष के बीच यह यूनिट फंड का 20 फीसद, 11 से 15 पॉलिसी वर्ष के बीच 25 फीसद, 16 से 20 पॉलिसी वर्ष के बीच 30 फीसद और 21 से 25 पॉलिसी वर्ष के बीच 35 फीसद होगी।

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