85 साल की बुजुर्ग महिला को अपने बेटों पर नहीं भरोसा, पीएम मोदी को अपनी जमीन देना चाहती है!
आगरा,VON NEWS: प्रधानमंत्री की योजनाओं और कोरोना काल में मदद के लिए उठाए गए कदमों से 85 वर्षीय बिट्टन देवी इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने अपनी सारी जमीन उनके नाम लिखने का फैसला कर लिया। बीते बुधवार को वह खुद तहसील में वकील के पास तक पहुंच गई थीं। घर लौटीं तो तीन बेटे और बहुएं, उनको मनाने में जुट गए। परंतु रात से शुक्रवार सुबह तक चल रही उनकी यह कोशिश नाकाम रही हैं। वृद्धा स्वजन पर भरोसा न होने की बात कह अब भी जमीन पीएम नरेंद्र मोदी के नाम करने पर अड़ी हैं। ऐसे में बेटों ने एसडीएम से मुलाकात की और मां की मानसिक स्थिति ठीक न होने का हवाला दिया। दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने गांव पहुंच वृद्धा के भोजन की व्यवस्था की।
मैनपुरी जिले में बीते बुधवार को किशनी के गांव चितायन निवासी वृद्धा कुंविर उर्फ बिट्टन देवी पत्नी पूरन लाल, तहसील में अधिवक्ता कृष्णप्रताप सिंह चौहान के बस्ते पर पहुंचीं थीं। महिला ने बताया था कि उनके पति की मौत हो चुकी है वह अपने मायके चितायन में ही रहती हैं। उनके तीन बेटे और बहुएं हैं, परंतु वे उनका ठीक से खयाल नहीं रखते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई पेंशन योजना से उनका जीवन यापन हो रहा है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे अन्य कामों से भी वह बहुत प्रसन्न हैं। इस कारण वह अपना साढ़े 12 बीघा खेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करना चाहती हैं।
शाम को वृद्धा के इस फैसले की जानकारी उनके स्वजन को हुई तो वे समझाने-बुझाने में जुट गए। ग्रामीणों के मुताबिक देर रात तक उनके पुत्र पुत्र रामफेर, जीवनलाल और भोले राम व उनकी पत्नियां, बिट्टन देवी से बात करते रहे। इसके बाद गुरुवार को भी कुछ ग्रामीणों को साथ लेकर वृद्धा को जमीन के लेकर अपना फैसला बदलने के लिए समझाया, परंतु वह नहीं मानीं। जिसके बाद तीनों बेटे एसडीएम रामसकल मौर्य से मिले। बेटों ने कहा कि उनकी मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, वह नाराज होकर अक्सर इसी तरह जमीन दूसरों की देने की बात कई बार कह चुकी हैं। ऐसे में जमीन को लेकर कोई भी फैसला न किया जाए।
उधर, वृद्धा के फैसले की जानकारी मिलने पर आरएसएस के खंड कार्यवाह व अधिवक्ता कृष्णा चौहान आदि गांव पहुंचे। उन्होंने वृद्धा को खाने-पीने का सामान दिया। इस दौरान वृद्धा बार-बार अपनी जमीन को प्रधानमंत्री के नाम करने की बात कहती रहीं। जिसके बाद संघ के पदाधिकारियों ने वृद्धा के तीनों पुत्रों को उनका ख्याल रखने की लिए कहा। हालांकि इसके बाद भी बिट्टन देवी अपना फैसला न बदलने की बात कह रही हैं।
मामले में एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि वृद्धा के स्वजनों को उनको मनाने की सलाह दी गई है। यदि बिट्टन देवी उनके पास जमीन को लेकर कोई प्रार्थना पत्र देतीं हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बिट्टन देवी ने जागरण को बताया कि बेटे और बहुओं के ख्याल न रखने के कारण अपनी जमीन उन्हें नहीं देना चाहतीं। उनको कोरोना काल में खाद सामग्री, फसल ओलावृष्टि योजना आदि के तहत लाभ मिला है। किसान सम्मान योजना के तहत भी उनको आर्थिक मदद मिली। देश के अन्य लोगों को भी इसी तरह उनके कामों से फायदा हो रहा है। इसके चलते ही उन्होंने यह फैसला लिया है।
बिट्टन देव की सेवा में जुटे बेटे-बहुएं
बेटों से ज्यादा भरोसा पर नरेंद्र मोदी पर जताने वाली वृद्धा बिट्टन देवी शुक्रवार को भी अपनी जमीन पीएम के नाम करने के फैसले पर अडिग रहीं। वृद्धा के फैसले से बेचैन हुए बेटे-बहुएं अब उनकी सेवा में जुटे हैं। उनको मनाने में लगे हुए हैं। पूरे जिले में बिट्टन देवी के निर्णय की चर्चा चल रही है। ग्रामीण भी लगातार उनका हाल-चाल ले रहे हैं। शुक्रवार को भी पूरा परिवार उनकी सेवा में लगा है, जिससे वह अपना फैसला बदल दें। उनको समय से खाना खिलाया जा रहा है, अन्य जरूरतों का भी खयाल रखा जा रहा है।