उत्तराखंड बजट 2020: गैरसैंण की दरकार, बेरोजगारी के मोर्चे पर भी लड़े सरकार
छह प्रतिशत से अधिक की विकास दर और 1.98 लाख की प्रति व्यक्ति आय के बावजूद प्रदेश में बेरोजगारी से पार पाना संभव नहीं हो पा रहा है। सरकार की ओर से कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक प्रदेश में इस समय बेरोजगारी दर करीब 4.2 प्रतिशत है। 17 वर्ष से अधिक उम्र वाले शिक्षित युवाओं में यह दर 17 प्रतिशत आंकी गई है। 2004 की तुलना में यह दर दोगुनी है।
मुसीबत यह है कि स्टार्ट अप, “स्वरोजगार“ से संबंधित योजनाओं को लेकर किए जा रहे दावों के बीच प्रदेश में स्वरोजगार वाले युवाओं की संख्या घट रही है। रिपोर्ट बता रही है कि 2004-05 में प्रदेश में स्वरोजगार वाले 75 प्रतिशत थे। वर्तमान में केवल 56.9 प्रतिशत ही स्वरोजगार के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
फोकस बजट की है दरकार
इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता के मुताबिक प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के लिए फोकस बजट की जरू रत है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि प्रत्येक जिले के लिए कम से कम 100 करोड़ रुपये सिर्फ “स्वरोजगार” और नए रोजगार के लिए रखेे। यह भी तय करे कि यह बजट खर्च हो। प्रदेश सरकार का बजट जब तक योजनाओं के लिए (प्लान बजट) अधिक नहीं होगा, तब तक यह संभव भी नहीं है। योजनाओं पर प्रदेश सरकार कुल बजट का एक तिहाई ही खर्च कर पा रही है।