बरामद हथियार बता रहे कितने खतरनाक थे मंसूबे,पढ़े पूरी खबर

जम्मू,VON NEWS: पाकिस्तान की साजिश बड़ी थी और खतरनाक भी। आतंकियों को मोहरा बनाकर वह मुंबई हमले जैसी बड़ी घटना को अंजाम देना चाहता था। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने आतंकियों को ढेर कर बड़ी कामयाबी हासिल की, लेकिन उनके पास से जितनी बड़ी तादाद में हथियारों और विस्फोटकों की बरामदगी हुई वह बताती है कि उनके इरादे कितने खतरनाक थे और सुरक्षा के तंत्र के लिए कितनी बड़ी चुनौती बन सकते थे।

वहीं नगरोटा बन टोल प्लाजा पर हमले के लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई रऊफ लाला को जिम्मेदार माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने बीते दिनों रऊफ को कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अतंरराष्ट्रीय सीमा के पार शक्करगढ़ में देखे जाने की सूचना दी थी।

हीरानगर सेक्टर में चक्कदुल्ला में बीएसएफ की चौकी के ठीक सामाने पाकिस्तान की शक्करगढ़ पोस्ट है। बीते कई दिनों से पाकिस्तान यहीं से भारतीय इलाके में गोलाबारी कर रहा है। इस इलाके से गुजरने वाला बोबियां नाला भी आतंकियों का रूट रहा है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि रऊफ कुछ दिनों से शक्करगढ़ में लॉचिंग पैड में मौजूद आत्मघाती आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश में लगा हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, बन टोल प्लाजा पर मारे गए चारों आतंकी भी जैश से संबंधित थे।

चार आतंकियों को गोलाबारी की आड़ में सीमा पार से भारी मात्रा में हथियारों के साथ घुसपैठ करवाई गई। मिशन था-कश्मीर में खून-खराबा। सतर्क सुरक्षाबलों के आगे पाकिस्तानी साजिश नाकाम हो गई। मगर सुरक्षा बल इतने में ही संतुष्ट नहीं हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब घुसपैठ के रास्ते और आतंकियों के मददगार लोगों के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुट गई हैं। शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने कठुआ से लेकर अखनूर तक फैली अंतरराष्ट्रीय सीमा का चप्पा-चप्पा खंगाला। वहीं, मुठभेड़ के बाद फरार हुए ट्रक चालक की तलाश में भी तेजी लाई गई है। एनआइए की टीम ने शुक्रवार को फिर से मुठभेड़स्थल बन टोल प्लाजा का दौरा किया। बता दें कि ट्रक से छह एके-47, पांच एके-56, 24 मैगजीन, तीन पिस्तौल, 29 ग्रेनेड, 7.5 किलो आरडीएक्स और आइईडी बनाने समेत अन्य सामान मिला था।

जम्मू-कश्मीर में 28 नवंबर से पहली बार जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव होने जा रहे हैं। यह ऐसा पहला मौका है, जब इन चुनावों का कश्मीर में कोई बहिष्कार नहीं कर रहा। अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में मजबूत होता लोकतंत्र पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में आइएसआइ, पाक सेना और आतंकी संगठनों ने घाटी में बड़ा आतंकी हमला कर देश-दुनिया का ध्यान कश्मीर पर केंद्रित करने के लिए युद्ध जैसी साजिश रची थी।

घुसपैठ के तरीके ने बढ़ाई चिंता : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ के बाद आशंका जताई थी कि मारे गए आतंकी हीरानगर और सांबा सेक्टर से घुसपैठ कर भारतीय क्षेत्र में घुसे हैं। आशंका है कि इस क्षेत्र में कहीं सुरंग हो सकती है, जिसके रास्ते घुसपैठ हुई है। सीमा पर तारबंदी के पार पाकिस्तान की ओर काफी घनी झाडिय़ां व पेड़ होने से दो फुट दूरी पर छिपे संदिग्ध को ढूंढ़ निकाल पाना मुश्किल है, जबकि भारतीय क्षेत्र में झाडिय़ों को बीएसएफ ने काट दिया है, ताकि घुसपैठियों पर नजर रखी जा सके। सुरक्षा एजेंसियां इस बात से भी इन्कार नहीं कर रही हैं कि यह हथियार ड्रोन से गिराए गए हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button