इस बार 5 की बजाय 4 दिन का होगा दीपावली उत्सव,पढ़िए पूरी खबर
रोहतक,VON NEWS: पांच दिवसीय दीपोत्सव इस बार पांच दिन के स्थान पर चार दिन का होगा। धनतेरस भी दीपावली के एक दिन पहले 13 नवंबर की ही रहेगी। 13 नवंबर को ही छोटी दीपावली भी मनाई जाएगी। 14 नवंबर को दीपावली व लक्ष्मी पूजन और 15 नवंबर को गोवर्धन पूज का उत्सव होगा। वहीं 16 नवंबर की भैया दूज और विश्वकर्मा पूजा पर्व मनाया जाएगी। दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस दीपावली ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा। दीपावली पर गुरु ग्रह अपनी स्वराशि धनु और शनि अपने स्वराशि मकर में रहेगा, जबकि शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेगा। दीपावली पर तीन ग्रहों का यह दुलर्भ संयोग 2020 से पहले 1521 में बना था। ऐसे में यह संयोग 499 साल बाद बन रहा है।
धनतेरस से दीपावली उत्सव का प्रारंभ :
ज्योतिषाचार्य मिश्र ने बताया कि दीपावली का त्योहार पंच महोत्सव होता है, लेकिन इस बार पांच दिन का न होते हुए चार दिन का महोत्सव होगा। 13 नवंबर को धनतेरस से दीप पर्व का शुभारंभ होगा, जो 16 नवंबर को भाई दूज के दिन संपन्न होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे, उस दिन दीपावली मनाई जाती है। कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं। अमावस्या की रात्रि में ही माता धरती पर विचरण करती हैं। इसी वजह से यह त्योहार अमावस्या की रात को मनाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
इस बार अमावस्या तिथि 14 नवंबर दोपहर 2:18 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 15 नवंबर को सुबह 10:37 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 14 नवंबर शनिवार को होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे उस दिन दिवाली होती है।
त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9:30 से शुरू होकर 13 नवंबर को शाम 5:59 बजे तक रहेगी। 13 नवंबर को ही प्रदोष व्रत भी रहेगा। ऐसे में 13 नवंबर को ही धनतेरस मनाई जाएगी, धनतेरस प्रदोष के दिन ही रहती है।शनिवार का मंगलकारी योग :
दीपावली शनिवार को है। यह एक बड़ा ही मंगलकारी योग है कि शनि स्वाग्रही मकर राशि पर है। यह योग व्यापार के लिए लाभकारी एवं जनता के लिए शुभ फलदाई रहेगा। कई वर्षों बाद यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। तंत्र पूजा के लिए दीपावली पर्व को विशेष माना जाता है।