सीएम: उत्तराखंड के विकास के लिए तैयार की मजबूत नींव!
देहरादून,VON NEWS: उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण कर 21 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस अवधि में राज्य ने काफी कुछ हासिल किया, तो तमाम क्षेत्रों में बहुत कुछ होना अभी बाकी है। हालांकि विकास एक सतत प्रकिया है और देशकाल परिस्थितियों के अनुरूप इसमें नित नई चुनौतियां सामने आती रहती हैं। वर्तमान में भी कोरोना संकट के कारण एक नहीं, अनेक चुनौतियां राज्य के सामने हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती है, तो विकास की गति को बरकरार रखने की भी। कोरोना के कारण अन्य राज्यों से अपने घरों को लौटे प्रवासियों के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है।
जवाब: राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्राकृतिक संसाधनों के उचित इस्तेमाल की रही है। प्रकृति ने जो संसाधन हमें दिए हैं, उनका कैसे राज्य हित में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए सुविचारित रणनीति की दरकार थी। प्रदेश में अब तक रोजगार के नाम पर सरकारी नौकरी वाला वातावरण ही बनाया गया। चुनावी फायदे के लिए सब जनता को आश्वस्त करते रहे कि जब सत्ता में आएंगे, तो सरकारी नौकरियां देंगे। सरकारी नौकरियां बेहद सीमित हैं। हमारा ध्यान स्वरोजगार की ओर होना चाहिए था
प्रदेश में पर्यटन, साहसिक पर्यटन तथा प्राकृतिक उत्पादों के जरिये स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं। सोलर पावर स्वरोजगार का बहुत बड़ा जरिया है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। इस क्षेत्र में अगर थोड़ा-बहुत काम हुआ, तो यह मैदानी जिलों में खेती की कीमत पर हुआ। सोलर पावर का काम ऐसी जमीनों पर हुआ, जहां अच्छी खेती होती थी। होना यह चाहिए था कि जो खेत वर्षों से बंजर पड़े हुए हैं, वहां पर सोलर फार्मिंग की जाती। पर्यटन के आधारभूत ढांचे के विकास पर जो ध्यान दिया जाना चाहिए था, वह नहीं दिया गया। पलायन की बात सभी ने की, लेकिन यह कैसे थमेगा, इसके लिए न कोई अध्ययन किया गया और न ही इसे लेकर रणनीति बनी। अब हमने इस दिशा में काम शुरू किया है।
सवाल: विकास की योजनाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण का संतुलन साधना कितना अहम है।
जवाब: हमारी सरकार इस बात का पूरा ध्यान रख रही है। पर्यावरण के नाम पर विकास योजनाओं का विरोध करने वाले लोग एकांगी विचार कर रहे हैं, उन्हें संपूर्णता में विचार करना चाहिए। उत्तराखंड में, जहां 71 प्रतिशत वन क्षेत्र है, हर व्यक्ति पर्यावरण की कीमत जानता है। किसी को हमें पर्यावरण संरक्षण की बात सिखाने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के जनमानस में पर्यावरण के प्रति प्रेम है। हमारा उद्देश्य संतुलित विकास है।
सवाल: राज्य में विपक्ष की भूमिका को आप किस नजरिये से देखते हैं।
जवाब: विपक्ष की कोई भूमिका ही नहीं नजर आ रही है। हां, अब चुनाव का वक्त आ रहा है तो आजकल वे उल्टी सीधी गतिविधियां कर रहे हैं। विपक्ष आपस में लड़ रहा है।
सवाल: आपकी टीम में पांच मंत्री कांग्रेस पृष्ठभूमि के हैं, इससे किसी तरह की दिक्कत महसूस हुई।
जवाब: सभी भाजपा में आए हैं। सभी ने भाजपा स्वीकार की है। मैं उन्हें कांग्रेसी नहीं, भाजपाई ही समझता हूं।