कोविड-19 के रिकवरी रेट के मामलों में भारत की स्थिति बहुत बेहतर, पढ़िए पूरी खबर
नई दिल्ली,VON NEWS: पूरी दुनिया में कोविड-19 के संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। आलम ये है कि 9 माह के बाद भी पूरी दुनिया इससे उबर नहीं पाई है। दुनिया में इसके सर्वाधिक मामलों में जहां अमेरिका नंबर वन पर है तो वहीं भारत इस फहरिस्त में दूसरे नंबर पर है। वर्ल्डओमीटर डॉटइंफो के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक इसके 8,553,864 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 126,653 मरीजों की मौत हो चुकी है।
भारत में अब तक करीब 7,917,373 मरीज ठीक भी हुए हैं। भारत में यदि एक्टिव केस की बात करें तो इनकी संख्या 509,838 है जिनमें से 8,944 मामले गंभीर हैं। भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर 6,177 मरीज सामने आए हैं जबकि इतनी ही आबादी पर भारत में होने वाली मौतों का आंकड़ा 91 है। भारत में अब तक कुल 118,572,192 टेस्ट किए जा चुके हैं। प्रति दस लाख की आजादी पर भारत में 85,622 टेस्ट को अंजाम दिया गया है
भारत के ये आंकड़े अपने आप में बेहद खास हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इससे होने वाली कुल मौतों के आंकड़ों में भारत अमेरिका और ब्राजील से पीछे है। वहीं रिकवरी रेट में इन दोनों से कहीं आगे हैं। भारत में कोविड-19 का रिकवरी रेट 92 फीसद तक है। इसके अलावा प्रति दस लाख की आबादी में कोविड-19 के कुल मामलों की तुलना की जाए तो भारत टॉप-20 देशों में भी नहीं आता है। यही हाल प्रति दस लाख की आबादी में होने वाली मौतों में भी दिखाई देता है। यहां भी भारत दुनिया के कई देशों से बहुत पीछे है। ये इस सच्चाई को बयां करता है कि कोविड-19 की रोकथाम को लेकर भारत की नीति एकदम सही दिशा की तरफ जा रही है।
हालांकि कुछ एक राज्यों में कोविड-19 की दूसरी और तीसरी लहर की भी बात कही जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली की ही बात करें तो यहां पर हर रोज नए मामलों की संख्या 7700 को पार कर चुकी है। वहीं यदि पूरे देश के मामलों पर निगाह डालेंगे तो पता चलता है कि देश में अब कोविड-19 के मामले तेजी से कम हो रहे हैं। 16 सितंबर को देशभर में 97859 मामले सामने आए थे जबकि यही आंकड़ा अब 46661 तक जा पहुंचा है। सितंबर 17 को भारत में सर्वाधिक एक्टिव मामले (1.18 लाख से अधिक) सामने आए थे।
भारत में 16 जून को इसकी वजह से एक ही दिन में सर्वाधिक मरीजों की मौत हुई थी। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके उत्तर भारत में सर्द मौसम के साथ बढ़ते प्रदुषण की वजह से कोविड-19 के नए मामलों में तेजी आ सकती है। इसके अलावा त्यौहारी सीजन के चलते बाजारों में बढ़ी भीड़-भाड़ की वजह से भी मामलों में तेजी देखने को मिल रही है।