आइपीएल सट्टेबाजी के कोड वर्ड समझने में जुटी पुलिस, पढ़े पूरी खबर
काशीपुर,VON NEWS: ‘मैने चवन्नी खा ली है, डिब्बे की आवाज कितनी है’… फोन पर ऐसी बातचीत किसी साधारण बातचीत का अंश नहीं बल्कि आइपीएल की सट्टेबाजी का पूरा खेल इसी कोड भाषा में ही चल रहा है। पिछले दिनों काशीपुर से सट्टेबाजी मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई थी, जब चार सट्टेबाजों की गिरफ्तारी हुई थी। इस दौरान पुलिस ने उनसे 4 मोबाइल फोन और 1.49 लाख रुपये बरामद किए थे। मामले में पुलिस की विशेष टीम जुटी है। जिसमें तराई में इस गैंग को सक्रिय कर रहे गुरुजी व नीटू उर्फ पाजी की तलाश तेज कर दी गई है। पुलिस की एसओजी टीम ने जब पूरे मामले के पड़ताल में जुटी तो सामने आया कि आइपीएल में सट्टे के कारोबार में पूरा खेल कोड भाषा में चल रहा है। इसमें पैसे के दांव लगाने से लेकर हार जीत की बात भी कोड में की जाती है। पुलिस अपने सर्विलांस के मदद से इन बातचीत को रिकार्ड कर इन कोड करने में जुट गई है।
पुलिस मामले में सट्टे की भाषा को डिकोड करने में जुटी है। इसमें बुकी को डिब्बा तो एजेंट को पंटर और क्लाइंट को लाइन कहा जाता है। इसमें एक लाख को एक पैसा, चवन्नी का मतलब पचास हजार रुपये के रुपये में कोड किया जाता रहा है। मामले में पुलिस रिकार्ड के आधार पर अन्य बातचीत के तार भी खंगालने में जुटी है। पुलिस को जानकारी हासिल हुई कि मामले में यह नेटवर्क दिल्ली, मुंबई और बंगौलोर से जैसे बड़े शहरों से भी संचालित हो रहे हैं।
गुरुजी ओर नीटू पाजी के तलाश में पुलिस
बाजपुर निवासी गुरुजी और काशीपुर निवासी नीटू उर्फ पाजी की तलाश में काशीपुर पुलिस जुट गई है। तराई में सट्ट का कारोबार की पूरी जिम्मेदारी इनहीं ने संभाल रखी है। पुलिस की टीम इन्हें उठाने से पहले पूरी तरह से सबूतों से मजबूत होना चाहती है क्योकि पिछले दिनों गिरफ्तारी के बाद 24 घंटे के अंदर आरोपितों को जमानत मिलने से पुलिस को झटका लगा था।
वेबसाइट के जरिये संचालित किया जा रहा खेल
सारा हिसाब किताब आनलाइन चलता है। इसमें लाइन यानी क्लाइंट को सिर्फ का एक खाता खोलेकर पुरा कारोबार शुरू किया जाता है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल में ऑनलाइन डिमांड की वेबसाइट पर सट्टे का हिसाब-किताब व अगले मैच के लिए बेट लगवाई जाती थी। आईडी में ऑनलाइन मैच का लाइव विवरण रहता है। एजेंट मोबाइल फोन के जरिये सट्टा लगाने वालों के संपर्क में रहते हैं।