दून में निजी स्कूल खुलने की संभावना कम, जानिए

देहरादून,VON NEWS: राज्य सरकार ने प्रदेश में दो नवंबर से निजी एवं सरकारी स्कूल खोलने का फैसला लिया है। इसके लिए राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग की ओर से एसओपी भी जारी कर दी गई है। लेकिन, वर्तमान में जैसे हालात हैं उन्हें देखते हुए यही लग रहा है कि देहरादून में निजी स्कूल न खुलने की संभावना ज्यादा है। इसका सबसे बड़ा कारण तो अभिभावकों की बच्चों को लेकर चिंता है, लेकिन सरकार द्वारा निजी स्कूलों पर थोपे जा रहे नियम भी इसका एक बड़ा कारण हैं।

प्रोग्रेसिव प्रिंसिपल स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि सरकार ने एसओपी में एक शर्त तो ये रखी है कि अगर आवासीय स्कूल में किसी बच्चे को संक्रमण हुआ तो स्कूल जिम्मेदार होंगे। बाकायदा स्कूल के प्रधानाचार्य को इसके लिए कानूनी कार्रवाई भुगतनी पड़ सकती है। उनका यह साफ कहना है कि कोई भी निजी स्कूल इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। कश्यप ने कहा कि अगर सरकार यह शर्त नहीं हटाती तो किसी सूरत में स्कूल नहीं खोलेंगे।

कश्यप ने कहा कि अभी तक करीब 10 फीसद अभिभावकों ने स्कूल संचालकों से बच्चों को भेजने पर सहमति जताई है। इससे स्कूलों पर दोहरा दबाव पड़ना तय है। स्कूल के संसाधन जैसे बस, शिक्षक, कर्मचारी आदि कम अलग से इस्तेमाल होंगे। इसलिए 50 फीसद छात्रों के स्कूल आने के लिए राजी होने पर ही स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है। इसके बाद भी दिवसीय स्कूल 50 फीसद बच्चों के लिए बस नहीं चलाएंगे।

एसोसिएशन ने राज्य सरकार से हरियाणा सरकार की तर्ज पर निजी स्कूलों को अपनी एसओपी जारी करने और स्कूल संचालक एवं प्रधानाचार्य को फैसले लेने की छूट देने की मांग की है। उधर, अभिभावक भी फिलहाल बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में शायद सरकारी स्कूल तो विभाग के दबाव में खुल जाएं, लेकिन ज्यादातर निजी स्कूल बंद ही रहेंगे।

स्कूल खोलने से पहले जिला प्रशासन परखेगा व्यवस्थाएं

चरणवार स्कूल खोलने के क्रम में राज्य सरकार ने पहले दो नवंबर से 10वीं व 12वीं की कक्षाएं संचालित करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर शासन ने एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी जारी कर दी थी। अब देहरादून जिला प्रशासन ने स्कूल खोलने को लेकर तैयारी शुरू कर दी हैं। छात्रों को कोरोना संक्रमण से बचाने को प्राथमिकता में रखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने स्कूल खोलने से पहले सभी व्यवस्थाएं पुख्ता करने को कहा है।

जिलाधिकारी ने आदेश दिए हैं कि अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) व मुख्य शिक्षाधिकारी की देखरेख में सभी व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा। व्यवस्थाएं दुरुस्त होने पर ही संबंधित विद्यालय को कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। आवासीय श्रेणी (बोìडग) के मामले में तय किया गया है कि स्कूल प्रबंधन को पहले जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन करना होगा। फिर उन विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि विद्यालय में पठन-पाठन के किए कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपाय किए गए हैं या नहीं। लिखित आवेदन प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर विद्यालय का निरीक्षण कर किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button