बालिकाओं का मान-सम्मान व आत्मबल बढ़ाने पर जोर पढ़िए पूरी खबर
VON NEWS. बीता हफ्ता घटनाओं से भरपूर रहा। ऐसी कई खबरें थीं, जिन्होंने आम और खास सबका ध्यान खींचा। फिर भी हाथरस कांड में हाईकोर्ट का निर्णय, दस लाख सरकारी कर्मचारियों को बोनस का त्योहारी उपहार, बलिया में पुलिस के सामने हुई हत्या जैसी सुर्खियां छाई रहीं। इनकी बात आगे करते हैं, क्योंकि अभी तो सुनानी है मथुरा की कहानी। वह खबर जो तय है कि देशभर में बहस और पालेबंदी का कारण बन गई है।
श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण : संघ परिवार के एजेंडे में अयोध्या, मथुरा और काशी हमेशा से रहे। अयोध्या में मंदिर के पक्ष में निर्णय आते ही शेष दोनों नगरों की चर्चा होने लगी थी। विश्व हिंदू परिषद का नेतृत्व मथुरा का प्रश्न उठाने से बच रहा था। इस बीच मथुरा में एक याचिका दायर हुई, जो शुक्रवार को स्वीकार हो गई।
इसका अर्थ हुआ कि अब अदालत में श्रीकृष्ण जन्मस्थान का केस भी चलेगा। श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण की तरह यहां भी भगवान श्रीकृष्ण विराजमान एक वादी बनाए गए हैं।
देवी की आराधना : शनिवार को प्रदेश में एक अनोखी योजना आरंभ हुई। मुख्यमंत्री ने बेटियों के देवी स्वरूप की आराधना करते हुए नवरात्र के पहले दिन मिशन शक्ति अभियान शुरू किया। यूं तो लड़कियों के रक्षार्थ पहले भी योजनाएं आती रही हैं, परंतु इस बार की खासियत यह है कि शारदीय नवरात्र से आरंभ यह अभियान चैत्र नवरात्र तक नित्य चलेगा। ऐसा भी पहली बार हुआ है कि मिशन शक्ति जैसे किसी अभियान की अगुवाई की जिम्मेदारी सीधे तौर पर महिला पुलिस को दी गई है। प्रदेश के 24 विभागों के समन्वय से इसे आगे बढ़ाया जाएगा, और इसमें मुख्य जोर बालिकाओं का मान-सम्मान व आत्मबल बढ़ाने पर होगा।
अब चर्चा बलिया की, जहां राजनीतिक संरक्षण में पल बढ़ रहे एक मनबढ़ ने क्षेत्रधिकारी, उप जिलाधिकारी और पुलिस की मौजूदगी में भी गोली चलाने से परहेज नहीं किया और एक व्यक्ति की हत्या कर दी।
इस घटना में राजनीति का क्रूर चेहरा तब सामने आया, जब भाजपा के ही एक विधायक सुरेंद्र सिंह आरोपित की पैरोकारी में खुलकर सामने आ गए। अपने विवादास्पद बयानों के लिए कई बार पार्टी का सिरदर्द बन चुके विधायक को प्रदेश अध्यक्ष ने रविवार को तलब तो किया, लेकिन वह अपनी बात पर अड़े रहे।
इन्हीं सब घटनाओं के बीच बीता हफ्ता युवाओं के लिए सुखद अनुभूतियां लेकर आया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर चयनित 31,277 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए। ये नियुक्तियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि परिषदीय विद्यालयों में लगभग 50 लाख छात्र बढ़े हैं और बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त हैं।