राज्यों को उधारी के बोझ से बचाने को तैयार वित्त मंत्री, पढ़े पूरी खबर
नई दिल्ली,VON NEWS. जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार और गैर-भापजा शासित राज्यों के बीच के विवाद ने समूचे जीएसटी ढांचे को लेकर जिस तरह का सवाल उठाया था उससे चिंतित केंद्र सरकार अब कदम आगे बढ़ कर राज्यों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश में है।
गुरुवार को राज्यों की क्षतिपूर्ति राशि के लिए स्वयं उधारी लेने का फैसला लेने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को पत्र लिख कर उन्हें आश्वस्त किया है कि केंद्र की यह कोशिश होगी कि राज्यों पर उधारी कार्यक्रम का बोझ न पड़े।
उन्होंने राज्यों को यह भी कहा है कि राज्यों को भविष्य में जो ब्याज देना पड़ेगा वह केंद्र की तरफ से देय ब्याज के करीब ही होगा। आम तौर पर केंद्र सरकार अपने उपयोग के लिए जो उधारी लेती है उस पर ब्याज दर काफी कम होती है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जीएसटी से जुड़े मुद्दों पर पहले भी राज्यों को पत्र लिखा जाता रहा है लेकिन अगर 5 और 12 अक्टूबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार के रवैये से इस पत्र की भाषा की तुलना करें तो अंतर साफ हो जाता है।
राजग सरकार हमेशा से जीएसटी को केंद्र व राज्यों के बीच सहयोग की सबसे बड़े सुधारवादी उदाहरण के तौर पर पेश करती रही है। इसे कानूनी पचड़े में फंसने से बचाने के लिए क्षतिपूर्ति विवाद का समाधान निकालने का रास्ता खोजा गया है।