राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक शुरू :खरीद फरोख्त के चलते विधायकाें को जयपुर हाेटल में शिफ्ट किया

जयपुर.  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर अपनी कोर टीम के साथ  बैठक की। इसके बाद कांग्रेस ने निर्दलियाें समेत 110 विधायकाें को जयपुर की हाेटल शिव विलास में शिफ्ट कर दिया।

बाद में गहलोत भी होटल पहुंचे और विधायकों को एकजुट होने को कहा । राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक शुरू हो गई है।कांग्रेस का कहना है कि  कि भाजपा निर्दलियाें काे ‘पैसे लाे-इस्तीफे दाे’ जैसे प्रलाेभन दे रही है।

इस पर आगे की रणनीति तय करने के लिए उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस और निर्दलीय विधायक मजबूती से साथ खड़े हैं। भाजपा किसी को नहीं खरीद पाएगी। सूचनाएं मिल रही हैं कि भाजपा 5-10 करोड़ रुपए एडवांस में देने का ऑफर कर रही है। कैश भी ट्रांसफर हो रहे हैं। गहलोत ने कहा कि चुनाव दो महीने पहले भी हो सकते थे, लेकिन गुजरात और राजस्थान में खरीद-फरोख्त पूरी नहीं होने के कारण भाजपा ने इसमें देरी की। राज्य में 19 जून को 3 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हैं। कांग्रेस के पास 13 निर्दलीय, लेफ्ट और बीटीपी के दो-दो और एक आरएलडी विधायक का समर्थन है।

होटल में 15 विधायक नहीं पहुंचे। हालांकि, इनमें से कुछ स्वास्थ्य और निजी कारणाें से नहीं आए। कुछ ने इससे दूरी बना रखी है। होटल में एसी खराब होने और कुछ दूसरी अव्यवस्थाओं के कारण लौट गए।

प्रदेश में 19 जून को 3 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हैं। कांग्रेस ने केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी वहीं, भाजपा ने राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह को उतारा है। संख्याबल के हिसाब से भाजपा के पास सिर्फ 1 प्रत्याशी को जिताने का बहुमत है।

हर प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 51 वोट चाहिए। कांग्रेस को दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए 102 वोटों की जरूरत है जो आसानी से मिलते दिख रहे हैं। कांग्रेस के साथ 13 निर्दलीय, लेफ्ट, बीटीपी के दो-दो और एक आरएलडी विधायक हैं। भाजपा के पास खुद के 72 विधायकों के अलावा तीन वोट आरएलपी के हैं।

विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बाड़ाबंदी को ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा बताया। उन्होंने कहा कि बसपा के 6 विधायकों को तोड़ने वाली कांग्रेस अब हाॅर्स ट्रेडिंग का राग अलाप रही है। कांग्रेस को अपने ही विधायकों के संभावित विद्रोह, आंतरिक गुटबंदी से मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा। नेतृत्व का मनोबल कमजोर है, असुरक्षा की भावना है। इसकी वजह से बाड़ाबंदी जैसे अलोकतांत्रिक कदम उठाने के लिए सरकार मजबूर हुई है।

कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जाेशी ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के डीजी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि कर्नाटक, गुजरात और मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को 25 करोड़ रु. तक ऑफर किए जा रहे हैं। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग की। इस बीच, जयपुर में बड़ा कैश ट्रांसफर होने का लिंक भी मिला है। जिसकी जांच शुरू हो गई है।

विधायकों को होटल में शिफ्ट करने के तीन बड़े कारण

1. निर्दलीय और कुछ कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत से शिकायत की थी कि भाजपा ने उन्हें करोड़ों रुपए का प्रलोभन दिया था। इसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई और विधायकों को एकजुट करने के प्रयास शुरू हो गए।

2. गुजरात में राज्यसभा चुनाव 19 जून को हैं। इससे पहले 8 कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इस पूरे घटनाक्रम के लिए भी भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वहां भी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स जारी है।

3. राजस्थान में भाजपा के पास जितने विधायक हैं, उसके हिसाब से वह एक सीट ही जीत सकती है, लेकिन प्रत्याशी दो खड़े किए हैं। कांग्रेस को डर है कि दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा तोड़फोड़ करेगी।

भाजपा का जनमत में विश्वास नहीं: सुरजेवाला

भाजपा का जनमत में विश्वास नहीं है। उसका चरित्र ही प्रजातंत्र का चीर हरण करने का है, पर राजस्थान की वीर भूमि में भाजपा के षड्‌यंत्रकारी मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।
– रणदीप सुरजेवाला, चुनाव पर्यवेक्षक, राजस्थान

सभी कांग्रेसी एकजुट, दोनों सीटें भी जीतेंगे: पायलट

जब सोनिया और राहुल गांधी ने प्रत्याशी तय कर दिए तो किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए। सभी कांग्रेस के विधायक एक जुट हैं। बहुमत भी हमारे पास है। दोनों ही सीटें कांग्रेस जीतेगी।
– सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष, डिप्टी सीएम

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