Rajasthan: अब भीलवाड़ा में सामने आया ‘खाकी’ और ‘खादी’ में टकराव, पढ़ें क्या है पूरा मामला
भीलवाड़ा. राजस्थान के अन्य हिस्सों की तरह भीलवाड़ा जिला पुलिस में भी सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. पिछले 20 दिनों में 3 थानाधिकारियों के निलंबन के बाद अब जिले की पारोली थाने की महिला थानाधिकारी सुशीला देवी और जहाजपुर के बीजेपी विधायक गोपीचन्द मीणा में जबर्दस्त टकराव सामने आया है. थानाधिकारी ने विधायक पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को लंबा चौड़ा पत्र लिखा है. यह पत्र के सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.
ये हैं आरोप-प्रत्यारोप
पारोली थानाधिकारी सुशीला देवी ने जहाजपुर विधायक गोपीचन्द मीणा पर राजकार्य में हस्तक्षेप के गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर पत्र लिखा है. इस पत्र में एसपी से पुलिस का मनोबल बढ़ाने की गुहार लगायी गई है. वहीं, वायरल पत्र के जवाब में विधायक गोपीचन्द मीणा कहते हैं कि थानाधिकारी सुशीला देवी बजरी और गार्नेट माफिया से मिली हुई हैं. बकौल मीणा, उन्होंने इस सबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. समय-समय पर डीजी और आईजी से मिलकर इसकी शिकायत करता रहता हूं. इसके कारण सुशीला देवी ने मुझे पर ये आरोप लगाये हैं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपी मामले की जांच
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर का कहना है कि शाहपुरा की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुकृति उज्जैनिया को इसकी जांच सौंपी है. वे इस पूरे मामले की गहनता से जांच करेंगी. महावर ने कहा कि थानाधिकारी सुशीला देवी का विधायक के खिलाफ लिखा गया पत्र उन्हें सोमवार को मिला है. जबकि यह सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो गया. जांच अधिकारी यह भी पता लगाएगी कि यह पत्र उनके कार्यालय में पहुंचने से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो गया. हम इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं. उसके बाद तथ्यों के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
राजगढ़ थानाप्रभारीने 23 मई को की थी आत्महत्या
उल्लेखनीय है कि गत 23 मई को चुरू जिले के राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. विश्नोई ने अपने सुसाइड नोट में ‘दवाब’ में होने की बात लिखी थी. विश्नोई की आत्महत्या के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. उपनेता प्रतिपक्ष और पूर्व विधायक मनोज न्यांगली ने इस मामले में स्थानीय कांग्रेस विधायक पर आरोप लगाए थे. अब इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग जोर शोर से उठ रही है. सीएम गहलोत इस पर सैद्धांतिक रूप से सहमति भी जता चुके हैं.