लॉकडाउन के दौरान UP MLA अमरमणि त्रिपाठी को पास जारी करने पर केंद्र, राज्य सरकार समेत 21 को हाईकोर्ट का नोटिस
हाईकोर्ट ने पूछा है कि अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने किन परिस्थितियों में स्पेशल पास जारी किया
नैनीताल. लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उनके काफ़िले समेत पास देने के मामले में उत्तराखंड सरकार और विधायक की मुश्किलें बड़ गयी हैं. विधायक और उनके 10 साथियों को पास जारी करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार, अपर सचिव ओमप्रकाश, 4 ज़िलों के डीएएम, विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत 21 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब भारत सरकार ने लॉकडाउन के दौरान किसी भी तरह के आवागमन और धार्मिक क्रियाकलापों पर रोक लगाई गई थी तो कैसे अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इनको किन परिस्थितियों में स्पेशल पास जारी किया गया और यात्रा की अनुमति प्रदान की गई? कोर्ट ने सभी पक्षकारों को तीन हफ्तों में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
योगी आदित्यनाथ के नाम पर जारी किया पास
बता दें कि यूपी के नौतनवा के विधायक बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी के विधायक पुत्र अमनमणि को 2 से 7 मई तक केदारनाथ व बदरीनाथ जाने के लिए पास जारी किया गया था. स्पेशल पास में तीन वाहनों को आवाजाही अनुमति दी गई थी जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कर्म हेतु इन धामों में जाने की अनुमति दी गई थी.
योगी आदित्यनाथ के भाइयों ने इस पर कड़ा ऐतराज़ जताया था. उनका कहना था कि उनके भाई (योगी आदित्यनाथ) ने ही संन्यास ग्रहण किया है बाकी दो भाई अभी गृहस्थ हैं. उनके रहते कोई और क्यों उनके पिता के पितृ कर्म करेगा.
पद का दुरुपयोग
अब इस मामले की सीबीआई जांच के लिए देहरादून के उमेश कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि अपर मुख्य सचिव जो मुख्यमंत्री के सचिव भी हैं, ने अपने पद का दुरुपयोग कर तथा भारत सरकार की गाइड लाइन्स का उलंघन करते हुए अमनमणि समेत 11 लोगों को स्पेशल पास जारी किया.
याचिकाकर्ता द्वारा मुख्य सचिव और डीजीपी से लिखित शिकायत करने के बाद भी राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं की इसलिए ऐसे मामले की सीबीआई जांच हो और दोषी पर कठोर कार्रवाई की जाए.