किसके प्रति निष्ठां है मीडिया सलाहकार की ? मुख्यमंत्री या दिल्ली में बैठे आकाओ की ?

किसके प्रति निष्ठां है मीडिया सलाहकार की मुख्यमंत्री या दिल्ली में बैठे आकाओ की ?

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट के अनुसार कौन है कथित षड्यंत्रकारी ? जिनका जिक्र उन्होंने अपने कथित लेख में किया है ?

देहरादून  /दिल्ली  : वॉयस ऑफ़ नेशन (मनीष वर्मा )  सोशल मीडिया में आखिर मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट का बम आज फूट ही गया और हो गयी टॉय टॉय फिस्स ……..

जी हां जैसा की हमने अपनी सुबह खबर में लिखा था की बहुत दिनों बाद मीडिया सलाहकार आज प्रकट हुए और आते अपनी  CM के प्रति वफादारी दिखाने को एक लेख लिख डाला और प्रकाशित कर दिया और उसे विभिन्न अपने नजदीकी समाचार पोर्टलों को प्रेषित करवा दिया ।
फिर होना क्या था उसमे लिखे कंटेंट पर पूरी भाजपा  में बबाल हो गया और दिल्ली तक फ़ोन घनघना उठे ।

वॉयस ऑफ़ नेशन ने भी उस लेख के कंटेंट को प्रमुखता से प्रकशित किया और उसका लगे हाथो विश्लेषण भी कर दिया और उस विश्लेषण ने ऐसी तूल पकड़ी की मीडिया सलाहकार महोदय को अपने लेख से मुकरना पड़ा और उन्होंने उसे कुछ जगह डिलिट करवाया और फिर फेसबुक पर लिखा की कुछ पोर्टल्स पर उनके नाम से जो लेख प्रकशित हुआ हे उससे उनका कोई सम्बन्ध नहीं हैं ।

आसमान से गिरे खजूर में अटके …….लेख ऐसा गले पड़ा की न अंदर  और न बाहर उड़ेलते…… लेख ऐसा गले अड़ गया…. क्यूंकि उस फेसबुक पोस्ट में जनता ने इतनी गन्दी गन्दी बातें लिखी जिसे हम यहाँ पर प्रकाशित भी नहीं कर सकते (उसमे से कुछ ही प्रकाशित कर रहे हे)  और सोशल मीडिया,में मीडिया सलाहकार ट्रोल हो गए और अपनी फजीहत करवाने के साथ- साथ मुख्यमंत्री के नाम को भी बट्टा लगवा दिया ।

इस फेसबुक पोस्ट में जो कमेंट आम जन मानस ने लिखे वो आज तक किसी के लिए नहीं लिखे गए होंगे और अंततोगत्वा मीडिया सलाहकार इतना डर गए की उन्होंने वो फेसबुक पोस्ट भी डिलीट कर डाली ।

आइये जानते है पुरे प्रकरण को मिनट टू मिनट :-   

दिन ५ मई समय ३ बजे लगभग ४-५ पोर्टल में एक लेख प्रकाशित होता है  
ये देखे उसका स्क्रीन स्क्रीन शॉट व् लिंक

https://etvuttarakhand.com/article-of-ramesh-bhatt-on-r-of-trivendra-singh-rawat/

उसके बाद हम करते  है उसका विश्लेषण :-
यह देखे उसका स्क्रीन शॉट व् लिंक

मीडिया सलाहकार ने अपनो पर ही सवाल खड़े किए ।

मीडिया सलाहकार ने अपनो पर ही सवाल खड़े किए ।

और जब वॉयस ऑफ़ नेशन की खबर चारो तरफ हो जाती हैं वायरल और दिल्ली तक से फ़ोन घनघना उठते हैं

मीडिया, सलाहकार को उसके दिल्ली बैठे आका जब यह कहकर हड़काते है तो मीडिया सलाहकार फेसबुक  पोस्ट भी डिलीट कर देते है यानी …..यहाँ आये तो यहाँ वफादारी दिखाने लगे…. और दिल्ली वाले हरिद्वारी लाल और बनवारी लाल आकाओ ने फ़ोन पर वॉट लगा दी तो पोस्ट डिलीट और उन्होंने जब रमेश भट्ट से पूछा की किसकी तरफ हो ?  हमारे हो या जहॉ बैठे हो उसके ? तो लेख डिलीट

आखिर ये अब क्यों और किसके इशारे पर हुआ ?

जब मीडिया सलाहकार ने षड्यंत्रकारी शब्द लिख दिया तो सारी  दुनिया जानती हैं  की मुख्यमंत्री को हटाने के लिए कौन दो जने लगे है उन और  आकाओ के डांटने पर  मीडिया सलाहकार फेसबुक पोस्ट भी डिलीट कर देते है और महोदय  उसके बाद पोर्टल्स वालो को झूठा साबित करने पर तुल गए और पोर्टल्स वालो पत्रकारों को बदनाम किया अलग और उन्हें अपना लेख देकर और प्रकाशित होने के बाद अपना लेख न होना कह कर पत्रकारों से बुरे भी बन गए और उधर हरिद्वारी लाल और बनवारी लाल आकाओ के डांटने पर उनसे भी बुरे बने । आखिर महोदय करना क्या चाह रहे थे ? 

मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट जी पर अब ये कहावत फिट बैठती हैं :-

 ” न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम न इधर के हुए न उधर के हुए 

रहे दिल में हमारे ये रंज-ओ-अलम न इधर के हुए न उधर के हुए “

बरहाल मुख्यमंत्री जी को यह सलाह की एक अच्छा मीडिया सलाहकार बनाये जो मृदुभाषी होने के साथ इस विधा का जानकार हो व् संपन्न हो जिससे सेवा कर सके व् सभी पत्रकारों की तकलीफ व् दुःख दर्द जानता हो व् सभी पत्रकार भी उसको  जानते हो । इनकी तरह नहीं की कोरोना के बीच किसी पत्रकार को दुःख सुख भी न पूछा हो और आर्थिक मदद या सूचना के बिलो का भुगतान करवाना तो दूर राशन तक को नहीं पूछा । धन्य है ऐसे सलाहकार……….ऐसे में इतनी किरकिरी होने बाद स्वयं रमेश भट्ट को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए ताकि योग्य व्यक्ति को मौका मिले और न्यायप्रिय ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ मुख्यमन्त्री को रमेश भट्ट अपनी वफादारी साबित कर सके I

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