अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश पर केंद्र व योगी आदित्यनाथ कारवाही करेंगे ?
देहरादून : वॉयस ऑफ नेशन: चहेते रसूखदारों को पास जारी करने के लिए अफसरों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम का बेजा इस्तेमाल किया। एसीएस ने योगी के स्व. पिताजी के पितृ कार्य के लिए एक विधायक और उनके साथियों को पास जारी करने का आदेश दिया। देहरादून जिला प्रशासन ने भी आंख बंद करके तीन वाहनों को पास दे दिया। यहां सवाल यह उठता है कि यूपी के विधायक का योगी जी के परिवार से क्या वास्ता है जो उनके पिताजी के पितृ कार्य के लिए ये लोग बदरीधाम जा रहे थे।
दरअसल, यूपी की महाराजगंज सीट से विधायक अमनमणि त्रिपाठी के तीन वाहनों के काफिले को रोका गया तो ये माजरा सामने आया। उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने दो मई को देहरादून के डीएम को एक पत्र लिखा गया। इसमें कहा गया है कि विधायक त्रिपाठी व 10 अन्य लोग तीन वाहनों से यूपी के सीएम योगी जी के स्व. पिताजी के पितृकार्य से बदरीधाम जा रहे हैं। वहां से केदारधाम भी जाएंगे। इसी पत्र के आधार पर डीएम ने पास जारी कर दिए। रास्ते में कई स्थानों पर ये वाहन दबंगई करके निकल गए। लेकिन कर्णप्रयाग के एसडीएम ने इन्हें रोक लिया। लंबी जद्दोजेहद के बाद इन्हें गिरफ्तार करके निजी मुचलकों पर छोड़कर वापस यूपी भेज दिया गया।
इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला ये क्या अफसरों ने योगीजी के नाम का बेजा इस्तेमाल किया। आखिर अमनमणि और उनके साथ आए लोगों का योगी के परिवार से क्या वास्ता है जिसकी वजह से इन लोगों को बदरीधाम में उनके पिताजी का पितृकार्य करना था। यहां बता दें कि बदरीधाम में पितृ विसर्जन भी होता है और यह कार्य मृतक के परिजन ही करते हैं। दूसरा सवाल यह भी है कि अभी बदरीधाम और केदारधाम में किसी को जाने की इजाजत नहीं है। फिर इन लोगों अफसरों ने कैसे अनुमति दे दी।
एक बिहार का विधायक जब अपनी बेटी को कोटा से ले आया तो पूरे देश मे चर्चा का विषय बना और अब यह मामला खासा चर्चा का विषय बना हुआ है।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ के पिता से जोड़ते हुए पास लिया गया व ओम प्रकाश ने अपना पहले तो संस्तुति कर दी व बाद में अपना पल्ला झाड़ते हुए दिखाई दे रहे है व सारा आरोप जिलाधिकारी व ADM देहरादून पर डाल रहे है ।
देखा जाए तो इस गंभीर मामले पर केंद्र द्वारा दोनो के खिलाफ कारवाही की जानी चाहिए ।
यह है अपर मुख्य सचिव का पत्र
यह है जिला प्रशासन की अनुमति
(न्यूज वेट से साभार)