COVID-19 त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की रणनीति कई मुख्यमंत्रियो ने अपनाई,जनता ने भी साथ दिया: जाने कैसे

देहरादून/नई दिल्ली : VON NEWS (मनीष वर्मा ) वर्तमान में जहाँ देखे सिर्फ एक ही चर्चा विषय है वो है कोरोना ।कैसे कोरोना जैसी महामारी का इलाज ढूंढा जाए और कैसे इससे निजात पाई जाय तथा कैसे प्रदेश व देश की जनता की रक्षा की जाय क्योंकि फैक्ट्री में नुकसान हो गया तो दुबारा रिकवर किया जा सकता है खेत मे फसल ख़राब हो गयी तो दुबारा लगाई सकती है कोई कही दूर फंसा है तो वापस लाया जा सकता है, प्रदेश व देश की इकोनॉमी पिछड़ गयी तो उसे भी बाद में रिकवर कर ठीक किया जा सकता है पर परिवार, प्रदेश या देश का एक भी व्यक्ति की मृत्यु इस महामारी से हो गई तो वो वापस नही आ पाएगा । और एक कहावत भी है कि…. जान है तो जहांन है ।

अब बात करते है त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की कार्यशैली की वैसे तो ये महामारी विश्व के कई देशों में दिसंबर 2019 में ही जन्म ले चुकी थी और वुहान में इसकी जन्मदाता एक महिला को माना जाता है पर इटली में इसका जन्मदाता वहाँ के एक मेयर को माना जाता है जिसकी कहानी यह है कि जब एक चीनी को उस मेयर ने चौराहे पर एक तख्ती लगाकर जिसमे यह लिखा था कि ” मैं इंसान हूं वायरस नही ” और उस चीनी व्यक्ति को वहाँ के मेयर ने सहानुभूति दिखाते हुए गले लगा लिया और मेयर को देखा देखी वहा के लगभग 20,000


लोगो ने उसे गले लगाया पर उन सबको क्या पता था कि वो लोग जिसे गले लगा रहे है वो उनका मौत को गले लगाना जैसा था और हुआ भी वही वो सब तो कोरोना से पीड़ित हो दुनिया से चले गए व पूरी इटली व इटली से अमेरिका,जर्मनी,फ्रांस व अन्य देशों को यह बीमारीं फैलाते चले गए । अभी तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर वो चीनी कहॉ से आया था और क्यों तख्ती लेकर इटली के चौराहे पर खड़ा क्यों हुआ ? क्या वो भी जमातियों की तरह कोई मानव बम था ? क्या यह किसी देश की कोई साजिश थी ?

बात करते है हिंदुस्तान की…… जी हाँ जैसे ही देश के प्रधानमंत्री को यह रिपोर्ट्स मिली कि कोरोना देश मे आ गया है और उसने अपना काम करना शुरू कर दिया है तुरंत ही नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेकर जनता की नब्ज टटोलने के व समर्थन देखने के लिए पहले एक दिन का कर्फ्यू लगाया और जब देख लिया की जनता तथ्य को समझ गयी और साथ देने को तैयार है तो और बाद में उसे 21 दिन तक बढ़ा दिया ।

ये नरेंद्र मोदी की की दूर दृष्टि और करिश्मा था कि उन्होंने इस काबलियत व तरीके से इसे लागू किया कि कोई न तो विरोध कर पाया और न ही किसी ने अनुपालन करने से मना किया ।ये भारत देश की खासियत है कि जब राष्ट्रीय विपदा आती है तो यहां सब पार्टी,नाते,भेदभाव ,जात-पाँत को छोड़ कर राष्ट्रीय विपदा से लड़ने में तन-मन-धन से जुट जाते है ।अब बात करेंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की ।जी हाँ त्रिवेंन्द्र सिंह रावत को बहुत संवेदनशील व सौम्य मुख्यमंत्री माना जाता है और ये त्रिवेंन्द्र सिंह रावत का मैनेजमेंट ही है कि उत्तराखंड में आज तीसरा दिन है कि कोई कोरोना का नया मरीज सामने नही आ पाया और सबसे बड़ी बात ये है की त्रिवेंन्द्र सिंह रावत कोरोना की चेन तोड़ने में सफल माने जा रहे है

वैसे तो देश मे कई मुख्यमंत्री इसी काम मे अपना दिन रात लगाए बैठे हैं क्योंकि उत्तराखंड की तुलना में उन प्रदेशो में इसकी संख्यां लगातार बढ़ रही है जैसे आज महारास्ट्र में आज इसकी संख्या 1276,दिल्ली 864,तमिलनाडु 859,राजस्थान529,तेलंगाना,452,मध्य प्रदेश 410,उतर प्रदेश 397,आंध्र प्रदेश 364 यानी ये त्रिवेंड सिंह रावत का जादू है की यहाँ इस आंकड़े को सैकड़ा तो बहुत दूर की बात है 50 तक भी नही ले जाने दिया गया ।

अपने मजबूत इरादों के व 24 घंटे कार्य के लिए समर्पित यह लौह पुरूष त्रिवेंन्द्र सिंह रावत अपने विशेष कंट्रोल रूम से पूरे प्रदेश का मिनट टू मिनट जायजा लेते रहे और सभी जिलाधिकारी व एस एस पी से हर अपडेट लेते रहे । इस बुलंद हौसले के सिपाही ऐसे हालातो में भी अपने देश प्रेम व देश भक्ति की भावना को दबने नही दिया और जम्मू में शहीद हुए जवानों को सलाम करने रुद्रपयाग तक पहुच गए और उनके परिवार को ढांढस बंधाया और मेरे प्रदेश की किसी जनता को कोई दुख न हो यह रट लगाए रखते हुए सारा मॉनिटरिंग करते रहे ।इतनी विपदा आई पर आपने किसी ने नही सुना होगा कि प्रदेश में कोई भूखा सोया या किसी को इलाज में कमी आने दी या आने वाली आपदा के लिए किसी प्रकार की कोई कमी रखी ।ये त्रिवेंन्द्र सिंह रावत जी दूर दृष्टि ही थी कि उन्होंने अपने अधिकारियों की टीम बुलाई उनसे हर पहलू पर वार्ता की और तुरन्त ऐसे ऐसे निर्णय लिए जिसका नतीजा आज हमारे सामने है ।

एक सलाम बनता है त्रिवेंन्द्र सिंह रावत की टीम को भी । जी हां त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कोर टीम के लोग जैसे मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह , डीजीपी अनिल रतूड़ी , गृह सचिव नितेश झा , महानिदेशक सूचना,मेहरबान सिंह बिष्ट,मुख्यमंत्री के सभी ओएसडी व जन सम्पर्क अधिकारी जो कि एक फ़ोन पर हर जानकारों व कागज उपलब्ध कराने में आगे रहे ।

प्रदेश में आज सब इत्मीनान की सांस ले रहे है नही तो बीच मे तो जमतियों की ऐसी भयावह खबर आई थी कि शाषन प्रशासन सबकी नींद उड़ गई थी कि अब क्या होगा और आंकड़ा 7 से 36 पर पहुच गया था पर धन्य है टीम टी एस आर के महानुभावो को जिन्हीने अपनी त्वरित कार्य शैली से कोरोना को कंट्रोल करने में जी जान लगा दी नही तो ऐसा लग रहा था कि अब तो महारास्ट्र भी पिछड़ जाएगा उत्तराखंड से ।

हालाँकि अब एहतियात ज्यादा बरतने की जरूरत है क्योंकि तीसरी स्टेज चल रही है और इस आने वाले लॉक डाउन में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है और आने वाली स्टेज सफलता पूर्वक निकाल ली तो स्तिथिया जल्दी सामान्य हो सकती है पर आवश्कता है नियम को मानने व सतर्क रहने की ।

यह त्रिवेंन्द्र सिंह का हौसला था कि पूरा प्रदेश कर्फ्यू की तरह बन्द के दौरान किसी आवश्यक वस्तु की कमी नही होने दी गयी यहां तक कि आवश्यक फैक्टिर्या तक हरिद्वार व अन्य स्थानों में दिन रात चलती रही । लोग घरों में आराम से सोते रहे और मशीनरी अपना काम मुस्तेदी से करती रही ।बिजली,पानी,स्वास्थ्य अन्य आवश्यक संसाधन सही कार्य करते रहे और तमाम रियायत केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा आम जन मानस को दी जा ही रही है ।

बरहाल इस आपदा के नियम व कानून के चलते सबके प्रिय बन चुके उत्तराखंड के कमांडर-इन-चीफ त्रिवेंन्द्र सिंह रावत को वॉयस ऑफ नेशन व प्रदेश व देश की जनता इनके जज्बे व हौसले के लिए सलाम करती है ।
किसी ने त्रिवेंन्द्र सिंह रावत जैसी शख्शियत के बारे में ही कहा है ….कौन कहता है आसमान में सुराख नही हो सकता ..एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो

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