हो गया IAS पंकज पांडे,ओमप्रकाश और TSR पर बड़ा खुलासा ।
देहरादून /नई दिल्ली : किस प्रकार 300 एमबीबीएस के छात्रों के 2 साल बर्बाद करने वाले और राज्य सरकार के 83 करोड़ के देनदार तथा CBI द्वारा हत्यारोपी और देहरादून में मनीष वर्मा से धोखाधड़ी कर संपति हड़पने वाले सुभारती के अतुल भटनागर ,यशवर्धन रस्तोगी ,अवनी कमल, हीरो हीतो ,कृष्णमूर्ति , शाल्या राज आदि ने नया मुखोटा लगा कर 5 वी बार उत्तराखंड की जनता को लूटने का प्रोग्राम बनाया है और इस बार इनके इस फर्जीवाड़े के कृत्य में इनका सहयोग किया है उप सचिव सुनील सिंह ,प्रभारी सचिव पंकज पांडे ,तत्कालीन मुख्य सचिव ओम प्रकाश और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ( देखे आरटीआई में प्राप्त नोट शीट) :
आपको बता दे कि वर्ष 2011 में अतुल भटनागर सहित इनके अन्य सहयोगियों ने मनीष वर्मा ,संजीव वर्मा उनकी पत्नी नीतू वर्मा आदि से कोटरा संतूर स्तिथ उनकी संपति और कॉलेजों को खरीदने का अनुबंध किया था और उस अनुबंध में करोड़ो रुपए कि बैंको की लाइबिलिटी सुभारती वालो ने अपने ऊपर ली थी तथा अनुबंध में 15 करोड़ के चैक लिखी थे जो दिये ही नही और जो करोड़ो के चैक दिए थे वो बाउंस हो गए थे जिसका केस वर्तमान में हाई कोर्ट में लंबित है तथा मनीष वर्मा द्वारा अतुल भटनागर एवं उसके साथियों पर धोखाधडी की FIR 420,467,468,471,120B IPC के तहत दर्ज करवाई थी सारे मामले अभी न्यायालय में है ।
यह भी पढ़े देहरादून से सुभारती हुआ सील : https://www.google.com/amp/s/m.jagran.com/lite/uttarakhand/dehradun-city-subharti-medical-college-sealed-government-to-take-possesion-18723412.html
ये वो essentiality certificate यानी MBBS कॉलेज खोलने का अनुमति पत्र है जिसमे राज्य सरकार अपने ऊपर पूरी जिम्मेदारी छात्रों और किसी भी आरोप की लेती है और यह तब और चिंता का विषय है जब पहले भी यह सब फर्जीवाड़ा सुभारती द्वारा कियाबजा चुका हो ।
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इस नोट शीट का मतलब हम आपको समझाते है असल में सुभारती वालो ने राज्य सरकार से जो पिछला जो फ्रॉड किया था उसके जुर्माने के रूप में 1अरब और 13 करोड़ रुपए भरने थे जिसमे से उनकी 9.5 करोड़ की बैंक गारंटी तो उसी समय सरकार ने जब्त कर कर ली थी और रिकवरी नोटिस जारी कर दिया था तब सुभारती वाले हाई कोर्ट से उसको 25 करोड़ तत्काल जमा करने का और बाकी बाद में जमा करने का आदेश ले आए जिसे बाद में 15 करोड़ सुप्रीम कोर्ट ने किया था और 15 करोड़ जमा करने बाद आज भी सुभारती वालो की राज्य सरकार को 83 करोड़ की देने है और इस देनदारी के लिए इस नोट शीट में पंकज पांडे IAS ने लिखा कि इनसे शपथ पत्र ले लिया जाए ( बैंक गारंटी नहीं ) तथा यह भी लिखा है कि फिलहाल हाई पावर कमिटी की बैठक नही हो रही है इसलिए बिना चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट लिए सीधे मुख्यमंत्री से अनुमोदन करा लिया जाए । यानी की एक वर्ष का एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट 3 वर्ष के लिए दे दिया गया और सुभारती को फायदा करवाने के लिए सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए
अब करते है और बडा खुलासा :
दरअसल सुभारती वालो ने पुरानी ट्रस्ट का नाम amended trust deed करके बदल कर नया नाम कर दिया जिसका नाम MTVT religious Charitable trust कर दिया पर नियम के अनुसार सभी संपतिया MCI Norms के अनुसार और 20 एकड़ जमीन 3 साल से क्रियाशील हॉस्पिटल इसी संस्था MTVT ट्रस्ट के नाम से होना चाहिए पर जब सचिव ने निदेशक चिकित्सा शिक्षा से इसका निरीक्षण करवाया तो निरीक्षण टीम ने पाया था कि :
जिस संस्था MTVT ट्रस्ट को MBBS कोर्स चलाने के लिए Essentiality Certificate देने के लिए निरीक्षण किया गया उसके नाम तो राजस्व अभिलेखों में कोई जमीन ही नही है
सुभारती अस्पताल क्लिनिकल establishment act में पंजीकृत नही है
3 साल से अस्पताल बंद है कोई ओपीडी रिकॉर्ड नहीं है
यह भी पढ़े : ये है MTVT ट्रस्ट का कृष्णमूर्ति अतुल भटनागर का पुत्र जो मेरठ की जांच से फरार है और जिसने 10 रुपए का शपथ पत्र देकर 83 करोड़ का खेल किया : https://www.google.com/amp/s/m.jagran.com/lite/uttar-pradesh/meerut-city-black-marketing-of-remedesvir-caught-in-meerut-after-lucknow-case-on-trustee-of-subharti-medical-college-atul-bhatnagar-and-two-arrested-21586763.html
पूर्व नाम से जगत नारायण सुभारती ट्रस्ट संस्था पर धोखाधड़ी से MBBS चलाने पर पर 83 करोड़ की देनदारी है देखे रिपोर्ट :
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यानी की न तो जमीन , न हॉस्पिटल क्रियाशील ,संपति विवादित और देनदारी भी तब भी आपने निरीक्षण कमिटी ,निदेशक चिकित्सा शिक्षा और सचिव अमित सिंह नेगी को रिपोर्ट को दरकिनार कर सारे नियम कानून को ताक पर रख कर Essentiality certificate जारी कर दिया पंकज पांडे , ओम प्रकाश और त्रिवेंद्र जी ?? वाह कमाल है आपका और धन्य है जनता
प्रदेश में बाकी देनदार फैक्ट्रियों , उद्योगों , कम्पनी को भी ये सुविधा आप दे दो न कि 10 रुपए के शपथ पत्र पर आप लोग 83 करोड़ देने की घोषणा कर दो तो सरकार आपको कुछ नही करेगी बल्कि आगे भी प्रोत्साहित करेगी । ये नियम सिर्फ सुभारती वालो के लिए ही क्यों लागू हुआ ?
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और बडा खुलासा : भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा यही समाप्त नहीं होती बल्कि शुरू होती है क्योंकि किसी भी मेडिकल कोर्स जैसे MBBS ,BDS ,Nursing आदि की परीक्षा के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में HNB मेडिकल यूनिवर्सिटी का गठन किया हुआ है पर यहां इस नए नाम की नई संस्था MTVT ट्रस्ट ने नए नाम से 5 वी बार नए नाम गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय ( पहले श्री देव सुमन मेडिकल कॉलेज से श्री देव सुमन का नाम खराब किया फिर रसl बिहारी बोस और अब ये गौतम बुद्ध को बदनाम कर रहे है ) को परीक्षाओं के लिए अपनी ही उत्तराखंड हाई कोर्ट में विवादित रास बिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी को परीक्षा के लिए संबद्ध दिखा दिया जबकि राज्य सरकार ,MCI और भारत सरकार पिछली बार 300 छात्रों से हुई धोखाधड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र अपने एडवोकेट जनरल के माध्यम से 3 IAS के द्वारा दिए गए हलफनामे में लिख चुकी है कि इस संस्था की जमीन विवादित है ,यह संस्था कोई संबद्धता नही दे सकती है ,ये रास बिहारी बोस यूनिवर्सिटी विवादित और सदन में धोखे से पास करवाई गई है और MCI से इसको मान्यता नहीं है और कोई निजी विश्विद्यालय MBBS की परीक्षा आयोजित नही कर सकता जबकि यहां पर इनको अपनी ही फर्जी एवम विवादित यूनिवर्सिटी से संबद्धता देने की छूट मिल गई
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यानी सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का ? कॉलेज भी मेरा और यूनिवर्सिटी भी मेरी और काउसलिंग भी मेरी जो मर्जी करो ..खुद ही पढ़ाओ और खुद ही डील करके परीक्षा करवाओ और फर्जी डॉक्टर बनाओ और बाद में जब कोई कोर्ट में केस डालेंगे तो फिर 1 अरब की पेनाल्टी लगा दो छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट कर दो और नई सर दर्दी खड़ी कर दो पर अपना माल बनाए जाओ
वॉयस ऑफ नेशन उक्त मुद्दे पर प्रधान मंत्री जी से CBI जांच की मांग करता है
देखे प्रधान मंत्री कार्यालय से उत्तराखंड पहुंची जांच : अब देखना है कि प्रधान मंत्री कार्यालय के प्रतिनिधि मुख्य सचिव एस एस संधू इस पर क्या कदम उठाते है ? और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी क्या एक्शन लेते है
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वहीं आप सुने 2017 से धन सिंह रावत इस मुद्दे पर क्या कहते आ रहे है :
और बड़े खुलासे अगले लेख में होंगे ।