मरीज़ों के थूक और मल से मिल रहा है: कोरोना वायरस का संक्रमण!
नई दिल्ली,VON NEWS: चीन के डॉक्टरों ने हाल ही में किए एक शोध में पाया कि COVID-19 से उबरने के बाद भी मीरज़ों के बलगम और मल के नमूनों में संक्रमण मौजूद रहता है। प्रकाशित एक अध्ययन में देखा गया कि गले के स्वैब टेस्ट में कोरोना वायरस न मिलने के बाद जब मरीज़ों के बलगम और मल के नमूनों की जांच हुई, तो उसमें कोरोना वायरस पाया गया।
फैरिगने स्वैब, गले के परिक्षण का एक तरीका है, जिसे करने के बाद ही कोरोना वायरस के मरीज़ों को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने का फैसला होता है। इस टेस्ट के नतीजों के आधार पर ही मरीज़ को छुट्टी दी जाती है या फिर उसे आइसोलेशन में ही रखा जाता है। चिंता की बात ये है कि अब स्वास्थ्य कर्मी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि अगर किसी मरीज़ के गले का टेस्ट नेगेटिव आता है तो क्या वो वाकई कोरोना वायरस के संक्रमण से उबर चुका है या उसे सिद्ध करने के लिए और भी टेस्ट करने की ज़रूरत है।
इस शोध के लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने बीजींग डिटन अस्पताल के कुछ मरीज़ों के गले के टेस्ट नमूनों के साथ उनके थूक और मल के टेस्ट की भी जांच की। इस जांच में 133 मरीज़ थे जो 20 जनवरी से 27 फरवरी के बीच कोरोना वायरस के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे। इनमें से 22 ऐसे मरीज़ सामने आए जिनके गले के टेस्ट में कोरोना वायरस संक्रमण नहीं मिला, लेकिन उनके बलगम और मल के नमूनों में ये वायरस मौजूद पाया गया।
गले के टेस्ट में कोरोना वायरस न पाए जाने के बाद इन मरीज़ों के बलगम और मल में पाया गया संक्रमण अगले 39 से 13 दिनों तक क्रमश: देखा गया। हालांकि, शोधकर्ताओं ने साफ किया है कि यह अध्ययन एक प्रोटोकॉल के तेहत नहीं किया गया, जिसमें सभी रोगियों के नमूने की जांच की जाती। साथ ही ये भी अभी साफ नहीं है कि बलगम और मल में पाए गए संक्रमण की वजह से क्या ये मरीज़ दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
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