उत्तराखंड में डूब चुके CM portal को नई प्रमुख आरती बलोदी ने उबारा । हटाए गए पूर्व प्रमुख अरुणेंद्र सिंह चौहान के कार्यकाल (2016 -2019) की लंबित 36000 शिकायतों को जनवरी 2020 से चार्ज लेने के बाद अब 2023 तक निबटा कर देश में सीएम पोर्टल को 2nd Rank पर पहुंचाया ।
CPGRAM से जुड़ने के बाद मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल की देश में धूम ।
- राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंड को पूरे देश से तोहफा मिला ।
- अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,सचिव शैलेश बगोली, ITD निदेशक नितिका खंडेलवाल और प्रमुख आरती बलोदी की मेहनत लाई रंग
- उत्तराखंड में डूब चुके CM portal को प्रधानमंत्री कार्यालय के सीपीग्राम पोर्टल से जुड़ी नई प्रमुख आरती बलोदी तथा ITD निदेशक नितिका खंडेलवाल ने उबारा । हटाए गए पूर्व प्रमुख अरुणेंद्र सिंह चौहान के कार्यकाल (2016 -2019) की लंबित 36000 शिकायतों को जनवरी 2020 चार्ज लेने से अब तक निबटा कर देश में 2nd Rank पर पहुंचाया ।
देहरादून : मुख्यमंत्री धामी की दूर दृष्टि और उन तक पहुंच रही रिपोर्टों के आधार पर जब मुख्यमंत्री धामी को पता चला कि उनकी सबसे प्रिय हेल्प लाइन जो उन्होंने जनता से अपने तक संवाद और आम जनमानस की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्राथमिकता के लिए प्रचारित की है और उसमे 2016 से 2019 तक भ्रष्ट अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान 36000 शिकायते लंबित है और जनता का समाधान नही हो पा रहा है तो उन्होंने तत्काल अरुणेद्र सिंह चौहान के खिलाफ मिल रही शिकायतों के चलते उनको हटा कर तेज़-तर्रार अधिकारी आरती बलोदी को इसकी जिम्मेदारी दी और इसका असर भी जल्दी ही दिखा । अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री के CPGRAM पोर्टल को उत्तराखंड मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से इंट्रीगेटेड करने में कार्यकुशल और तेज तर्रार अधिकारी आरती के कंधो पर यह जिम्मेदारी डाली और निदेशक ITDA नितिका ने भी आरती पर विश्वाश जता कर सही निर्णय किया जिसके सकारात्मक परिणाम आए है ।
दरअसल तथ्य यह था कि जो मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पोर्टल में जो शिकायतें दर्ज होती थी उनमें से अधिकतर शिकायते अरुणेंद्र सिंह चौहान या उनकी टीम के लोगो की होती थी या उनसे संबंधित विभाग की होती थी, जिस कारण अरुणेंद्र सिंह चौहान उनको टालते रहते थे और जनता सर फोड़ – फोड़ कर परेशान हो जाती थी और मुख्यमंत्री का नाम खराब हो रहा था , जब धामी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को तत्काल चौहान को हटा कर आरती बलोदी को यह जिम्मेदारी देने को कहा तथा सबसे बड़ा तथ्य यह है की देश के कुछ ही ऐसे राज्य है जिनके पास इस प्रकार का पूरा सिस्टम अपने हाथ में अर्थात पूर्ण सुसज्जित सेंटर स्थापित है जिसमे से उत्तराखंड भी एक है ।
देखिए चार्ट :
अब जब आरती बलोदी को यह जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने दिन हो या रात 24 घंटे पोर्टल की टीम को एंगेज रखते हुए समस्याओं को निबटाना या उनकी उचित माध्यम तक पहुंचना शुरू किया और उसका नतीजा भी सामने आया जिससे दिखा कि उत्तराखंड समस्याओं को निबटाने में दूसरे रैंक पर आ गया ।
देखे चार्ट (सोर्स सीपी ग्राम ):
हाल ही में सीपीग्राम्स ने अपनी अक्टूबर 2023 तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की है जिसमे देश के चुनिंदा राज्यो का आकलन कर उनकी रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसमे उत्तराखंड को दूसरा रैंक मिला है ।
धामी की कार्यशैली इसी प्रकार सही और कार्यकुशल अधिकारियों को जिम्मेदारी देने की रही तो वो दिन दूर नही जब मुख्यमंत्री पोर्टल में कोई शिकायत ज्यादा दिन लंबित नही रहेगी यानी उसका समाधान समय से होगा । धाकड़ धामी की मुहिम को जनता की ओर से बधाई ।
केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली सुधार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions) ने डाक विभाग में केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public Grievances Redress and Monitoring System- CPGRAMS) का एक नया संस्करण लॉन्च किया।
भारत सरकार के डाक विभाग में सर्वाधिक सार्वजनिक शिकायतें दर्ज होती हैं।
CPGRAMS के नए संस्करण से शिकायत निपटान में लगने वाला समय कम हो जाएगा, साथ ही शिकायत निवारण की गुणवत्ता में सुधार होगा।
वर्तमान में DARPG प्रत्येक वर्ष लगभग 16 लाख शिकायतों का निपटारा करता है, जिनमें से 95% को संतोषजनक तरीके से निपटाया जाता है।
नए संस्करण के तहत बिना किसी कार्मिक हस्तक्षेप के 1.5 लाख डाकघरों की मैपिंग की जाएगी।
केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली
यह एक ऑनलाइन वेब-आधारित प्रणाली है जिसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatic Centre- NIC) द्वारा लोक शिकायत निदेशालय (Directorate of Public Grievances-DPG) और प्रशासनिक सुधार एवं सार्वजनिक शिकायत विभाग (Department of Administrative Reforms and Public Grievances- DARPG) के सहयोग से विकसित किया गया है।
इसको विकसित करने का मुख्य उद्देश्य जनता की शिकायतों का निवारण और निगरानी करना है।
इसकी शुरुआत कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions) के तहत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (Department of Administrative Reforms and Public Grievances -DARPG) द्वारा की गई है।
CPGRAMS किसी भी स्थान से ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है।
यह प्रणाली DARPG और नागरिकों को विभागों से संबंधित शिकायतों को ऑनलाइन ट्रैक करने में सक्षम बनाता है।
इस प्रणाली को सुलभ, सरल, त्वरित, निष्पक्ष और उत्तरदायी बनाने के लिये प्रत्येक कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी को शिकायत निदेशक अधिकारी के रूप में नामित किया जाएगा जिससे लोक शिकायतों एवं कर्मचारियों की शिकायतों से संबंधित कार्य के निपटान की समय सीमा तय की जा सके।
लोक शिकायतों की स्थिति :
1. प्रधानमंत्री कार्यालय के पास ऐसी बहुत सारी लोक शिकायतें आती है जो विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों या राज्य सरकारों से संबंधित हैं। ऐसी शिकायतों को कार्यालय के पब्लिक विंग द्वारा संबंधित मंत्रालयों/विभागों या राज्य सरकारों को प्रेषित कर दिया जाता है।
2. शिकायत की पंजीकरण संख्या निरपवाद रूप से उस आवेदन पर अंकित कर दिया जाता है जिसे संबंधित मंत्रालय/ विभाग या राज्य सरकार को स्थानांतरित किया जा रहा है, साथ ही एक प्रति याचिकाकर्ता को पृष्ठांकित किया जाता है। इसके अलावा, पब्लिक विंग में याचिकाओं के पंजीकरण/ प्रसंस्करण के समय, पंजीकरण संख्या ईमेल और एसएमएस के माध्यम से आवेदक को भेज दी जाती है। याचिकाकर्ता अपनी उस शिकायत की स्थिति https://pgportal.gov.in/Status/Index पर अपने शिकायत पत्र पर अंकित पंजीकरण संख्या दर्ज कर जान सकते हैं।
3. प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्रों के विषय में सुविधा नंबर 011-23386447 डॉयल कर नागरिक टेलीफोन के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
4. ऐसे मामलों में जिसमें उपयुक्त प्राधिकारी के पास शिकायतों को भेजा जाता है उसके निस्तारण का अधिकार उसी के पास होता है। इसलिए, आवेदक इस तरह की शिकायतों के विषय में संबंधित मंत्रालय/ विभाग या राज्य सरकार के साथ संपर्क स्थापित करें।
5. प्रधानमंत्री कार्यालय के पब्लिक विंग में पत्रों के प्रसंस्करण का काम पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत है और किसी भी प्रकार की फाइल नोटिंग जारी नहीं होती।
(फोटो : आरती बलोदी एवं नितिका खंडेलवाल )
( निदेशक नितिका ने फ्री हैंड देते हुए आरती पर विश्वाश जताया और आरती बलोदी ने निर्धारित कार्यशेली को अपनाते हुए त्वरित कार्य किया और सकारात्मक नतीजे प्राप्त हुए जबकि पूर्व में ऐसा नहीं किया गया था ।)