इस खबर को इतने लोगो ने देखा और पसंद किया जितना पूरे साल में नही । उत्तरा बहुगुणा प्रकरण ।

देहरादून : जी हां, यह सत्य है की किसी किसी खबर के इतने व्यूज आते हैं कि कई बार यह अनुमान लगाना मुश्किल हों जाता है कि इतनी सरल खबर को लाखो लोग पसंद करेंगे ।

ऐसा ही कुछ कल से चर्चा में आई उत्तरा पंत जी की यू के डी में शामिल होने की पोस्ट है जिसको सिर्फ पोर्टल्स ने ही नही शेयर किया बल्कि उनकी पोस्ट और न्यूज को लाखों लोगो ने शेयर किया जिसमे अधिकतर महिलाएं हैं अथवा हमारी उत्तराखंड की मातृ शक्ति ।

 उत्तराखंड की चर्चित अध्यापिका उत्तराखंड बहुगुणा सेवानिवृत्ति के बाद उत्तराखंड क्रांति दल में शामिल हो गई हैं।

देहरादून 16जनवरी।उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी और मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने उन्हें विधिवत उत्तराखंड क्रांति दल की सदस्यता दिलवाई।
प्रेस क्लब में आयोजित सदस्यता समारोह में केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने शाॅल ओढाकर और बुके भेंट करके उनका स्वागत किया तथा कहा कि उत्तराखंड बहुगुणा से बातचीत करके उनकी इच्छा के अनुसार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड बहुगुणा का जीवन शिक्षक जगत के स्वाभिमान और मातृशक्ति के सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कभी भी इनकी गरिमा पर आंच नहीं आने दी और कोई समझौता नहीं किया, उत्तराखंड क्रांति दल को भी इससे मजबूती मिलेगी।
कोविड नियमों के चलते बेहद सूक्ष्म और साधारण ढंग से संपन्न हुए सदस्यता समारोह में केवल चुनिंदा पदाधिकारी ही शामिल हो पाए।
उत्तराखंड क्रांति दल की ओर से केंद्रीय संगठन मंत्री संजय बहुगुणा ने उत्तरा पंत बहुगुणा का पुष्पगुच्छ भेंट करके स्वागत किया और कहा कि यदि उत्तरा पंत बहुगुणा विधानसभा चुनाव लड़ना चाहेंगी तो इससे पार्टी मजबूत होगी और जनता को एक मजबूत नेतृत्व मिलेगा।
इस मौके पर उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक चंद्रशेखर कापड़ी, केंद्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष प्रमिला रावत, जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, केंद्रीय संगठन सचिव शूरवीर सिंह नेगी, मोहन सिंह भंडारी, केंद्रीय सचिव केंद्र पाल सिंह तोपवाल, बहादुर सिंह रावत, सीमा रावत, राजेश्वरी रावत, किरण रावत, वीरेंद्र सिंह रावत आदि पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।

हालांकि यू के डी में राजनीतिक सोच और समर्थवान लोगो का अभाव है पर समय रहते ये कष्ट भी दूर होने की उम्मीद जगती दिख रही है क्योंकि मतलब परस्त लोग इससे बाहर हो चुके है जो 100 _ 50 के लिए झंडा डंडा उठा लेते थे

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