लखनऊ की मंडियों में नहीं दिखा किसान आंदोलन का असर, पढ़े पूरी खबर
लखनऊ,VON NEWS: किसानों का आंदोलन देख माना जा रहा था कि आने वाले दिनों में कच्चे आइटम में शुमार सब्जियों का भाव आसमान छुएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। लोकल और बाहर की अन्य मंडियों से आने वाली माल की भरपूर आवक से आलू के अलावा सभी हरी सब्जियों का भाव जमीन पर आ गया है।
30 से 35 रुपये किलो बिक रहा आलू बीस रुपये किलो तक पहुंच गया है। 60 रुपये किलो बिक रही हरी मटर अब 40 रुपये किलो के रेट में फुटकर बाजार में बिक रही है। आयरन बढ़ाने वाली पालक जैसी हरी सब्जियां 20 से 25 रुपये किलो बिक रही हैं।
किसानों का आंदाेलन देख लग रहा था कि आपूर्ति में बाधा होगी। इससे सब्जियों के भाव चढ़ेंगे। लेकिन आंदोलन का असर सब्जी बाजार पर नहीं पड़ा है। लाेकल और आसपास के जिलों से आए माल ने सब्जियों को अर्श से फर्श पर ला दिया है। सभी सब्जियां सस्ती हैंं।
चाहे वह हरी सब्जी हो या फिर प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च आदि। ऑफ सीजन होने के कारण भिंडी और करेला ही तेज सब्जियों में माने जा सकते हैं। इनकी कीमत भी बहुत अधिक नहीं है। यह सब्जियां भी 60 रुपये किलो के भाव बिक रही हैं। लौकी, फूल गोभी, पत्ता गोभी आदि कौड़ी के माेल मिल रही है।
किसानों का आंदोलन देख लग रहा था कि सब्जी का भाव तेजी से चढे़गा। आलू पहले से ही तेज था। पर आंदोलन में डटे किसानों के आंदोलन का असर सब्जियों पर फिलहाल बेअसर ही रहा। इस समय हरी सब्जियां काफी सस्ती हो चुकी हैं।
अभी बमुश्किल दस पंद्रह दिन पहले ही आलू 35 से 40 रुपये प्रति किलो था। करीब-करीब सभी हरी सब्जियां पचास रुपये किलो या फिर इससे ऊपर दाम पर बिक रही थी। लेकिन अब आलू ही बीस रुपये में पहुंच गया है। ज्यादातर हरी सब्जियां 30 रुपये किलो तक हैं।