ऑपरेशन प्रहार की सफलता – देश भर में साइबर अपराधियों पर एक साथ कार्यवाही कर दिया गया स्पष्ट सन्देश

 

ऑपरेशन प्रहार – साइबर अपराधियों पर सशक्त कार्रवाई
ऑपरेशन प्रहार की सफलता – देश भर में साइबर अपराधियों पर एक साथ कार्यवाही कर दिया गया स्पष्ट संदेश ।

🔶 उत्तराखंड पुलिस बनी देश की पहली पुलिस जिसके द्वारा साइबर अपराधियों के विरुद्ध पुरे देश में की गई एक साथ छापेमारी की कार्यवाही*
🔶 देश में दिल्ली-एनसीआर सहित 17 राज्यों में 23 विशेष टीमों के द्वारा 50 से अधिक अभियुक्तों की शिनाख्त कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की गई तथा 30 से अधिक फरार अभियुक्तों के घरो पर नोटिस किये चस्पा
🔶 65 साइबर अपराधियों/आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
🔶 देश की विभिन्न जेलों में बंद 07 से अधिक साइबर अपराधी के विरुद्ध की क़ानूनी कार्यवाही तथा 06 से अधिक अभियुक्तों को थमाया जमानतीय वारंट
🔶 ऑपरेशन प्रहार अभी भी जारी है और टीमें अभी भी मैदान में हैं और यह साइबर अपराध के खिलाफ एक सतत लड़ाई है जो जारी रहेगी।

देश में साइबर अपराधो में लिप्त अपराधियों की अवैध गतिविधियों की रोकथाम व धरपकड़ हेतु  पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ द्वारा एसटीएफ को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे जिसके अनुक्रम में एसएसपी एसटीएफ श्री नवनीत भुल्लर द्वारा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन गढ़वाल, व कुमाऊं, की टीमों को निर्देशित किया गया था |

इसी क्रम में सीओ साइबर (STF) श्री अंकुश मिश्रा द्वारा रणनीति बनाई गई एवं प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना गढ़वाल त्रिभुवन रौतेला व प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना कुमाऊं अरुण कुमार के नेतृत्व में उत्तराखण्ड एसटीएफ (Cyber Crime police station) द्वारा साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण एवं अभियुक्तों की पहचान हेतु देशव्यापी स्तर पर “ऑपरेशन प्रहार” के तहत देश में दिल्ली-एनसीआर सहित *17 राज्यों जिसमे (हिमांचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली एन०सी०आर०, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गोवा) में 23 विशेष टीमों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, STF महोदय के द्वारा रवाना किया गया था | जिसमे तकनीकी रूप से दक्ष व I4C से प्रशिक्षण प्राप्त “CYBER COMMANDO” को भी इस अभियान में शामिल किया गया |

लगभग 42 दिन चले इस अभियान में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून व रुद्रपुर की टीमों के द्वारा स्थानीय पुलिस, साइबर क्राइम थानों और तकनीकी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुये अपराधियों के पते, मोबाइल नंबर, बैंक खाते, सोशल मीडिया प्रोफाइल, और अन्य डिजिटल साक्ष्यों को एकत्र किया। इस अभियान के दौरान टीमो के द्वारा 52 अभियुक्त जो साइबर अपराध में लिप्त थे काफी समय से फरार चल रहे थे, जिनके नाम पते सफलतापूर्वक तस्दीक करते हुए उनको नियमानुसार नोटिस तामिल कराये गये, इसी क्रम में अन्य राज्यों की पुलिस के द्वारा गिरफ्तार 07 साइबर अपराधी जो की विभिन्न जेलों में बंद है के बी-वारंट प्राप्त कर अभियुक्तों का रिमांड प्राप्त किया गया तथा मा0 न्या0 से प्राप्त 06 जमानतीय वारंट तामिल कराये गये |

अभियान के दौरान 225 ऐसे अपराधी पाये गये जिनके द्वारा अपराध करने हेतु गलत नाम-पतो, दस्तावेजो का इस्तेमाल करके बैंक खाते खोले गये तथा मोबाइल नंबर प्राप्त किये गये थे के सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस के साथ कार्यवाही हेतु जानकारी उपलब्ध कराई गई, अभियान के दौरान एक अभियुक्त की मृत्यु होने की जानकारी प्राप्त हुई |

ऑपरेशन प्रहार के दौरान पुलिस कार्यवाही से बचने के लिए घर से फरार 30 अभियुक्तो के घरो पर नोटिस चस्पा करते हुए परिजनों को भी सूचित किया गया, इस प्रकार अभियान के तहत कुल मिलाकर 290 से अधिक अभियुक्तों के विरुद्ध पुरे देश में एक साथ कार्यवाही की गई |

टीमो के द्वारा विभिन्न राज्यों में की गई कार्यवाही का विवरण:-
1. तेलंगाना
टीम: Addl SI Gopal / Cons Prakash
• प्रमुख साइबर अपराध: OTP फ्रॉड, फर्जी कॉल सेंटर, लोन ऐप धोखाधड़ी
• कार्रवाई:- कुल 06 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई
________________________________________
2. दिल्ली NCR (संयुक्त)
टीम: Addl SI Manoj / Addl SI Sunil Bhatt /Cons Mukesh
• प्रमुख साइबर अपराध: OTP धोखाधड़ी, तेजी से बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड
• कार्रवाई:- कुल 44 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
3. कर्नाटक
टीम: Addl SI Mukesh / Cons Sadab
• प्रमुख साइबर अपराध: बिटकॉइन स्कैम, टेक-सपोर्ट फ्रॉड
• कार्रवाई:- कुल 15 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
4. उत्तर प्रदेश
टीम: SI Kuldeep Tamta/ Addl SI Sumer/Cons Sudhesh/Cons Vikash
• प्रमुख साइबर अपराध: QR कोड स्कैम, डिजिटल लोन धोखाधड़ी
• कार्रवाई:- कुल 33 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
5. तमिलनाडु व केरल
टीम: Addl SI Suresh / HC Sarvan
• प्रमुख साइबर अपराध: डिजिटल पेमेंट फ्रॉड
• कार्रवाई:- कुल 34 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
6. पश्चिम बंगाल
टीम: Addl SI Vinod Bisht / Cons Praveen
• प्रमुख साइबर अपराध: कॉल सेंटर स्कैम, बैंक फ्रॉड
• कार्रवाई:- कुल 33 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
7. राजस्थान
टीम: Cons Nitin / Cons Gaurav
• प्रमुख साइबर अपराध: नकली वेबसाइट, QR स्कैन धोखाधड़ी
• कार्रवाई:- कुल 31 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
8. महाराष्ट्र, गोवा
टीम: Cons Sohan/Cons Mahesh
• प्रमुख साइबर अपराध: डेटिंग ऐप फ्रॉड, वित्तीय धोखाधड़ी
• कार्रवाई:- कुल 25 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
9. गुजरात
टीम: HC Deepka / Cons Jitendar
• प्रमुख साइबर अपराध: नकली ई-कॉमर्स वेबसाइट, डिजिटल पेमेंट धोखाधड़ी
• कार्रवाई:- कुल 22 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
10. हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा
टीम: HC Pawan
• प्रमुख साइबर अपराध: नकली कॉल सेंटर, OTP धोखाधड़ी
• कार्रवाई:- कुल 23 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
11. मध्य प्रदेश
टीम: SI Raman Bisht / Cons Neeraj
• प्रमुख साइबर अपराध: फर्जी कस्टमर केयर स्कैम
• कार्रवाई:- कुल 13 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई ________________________________________
12. आंध्र प्रदेश
टीम: SI Himmat / Cons Yogeshwar
• प्रमुख साइबर अपराध: सोशल मीडिया फ्रॉड, फर्जी कॉल सेंटर
• कार्रवाई:- कुल 12 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गई

प्रमुख चुनौतियाँ:
1. भाषाई बाधाएं – तमिल, कन्नड़, तेलुगु, बंगाली, मराठी, गुरमुखी आदि भाषाओं ने संवाद को कठिन बनाया।
2. भौगोलिक कठिनाई – दुर्गम व भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पहुँचने में समस्या हुई।
3. संस्कृति व खानपान का अंतर – क्षेत्रीय विविधताओं के चलते प्रारंभिक समन्वय में विलंब हुआ।
4. फर्जी दस्तावेजों का उपयोग – अभियुक्तों द्वारा फर्जी पहचान का इस्तेमाल करने से पहचान में कठिनाई हुई।
5. अपराधियों का संगठित रूप से काम करना – कुछ जगहों पर अभियुक्तों को स्थानीय समर्थन मिला, जिससे प्रत्यक्ष विरोध का सामना करना पड़ा।

*एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी जिन्होंने दूरदराज के राज्यों में जाकर चुनौतियों के बावजूद सफलतापूर्वक कानूनी कार्रवाई की। ऑपरेशन प्रहार अभी भी जारी है और टीमें अभी अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं और यह साइबर अपराध के खिलाफ एक सतत लड़ाई है जो जारी रहेगी।

https://youtu.be/Fa1na13THRw

उत्तराखंड पुलिस देश की संभवत: पहली पुलिस है जिसके द्वारा पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ साइबर अपराधियों के विरुद्ध समन्वित कार्यवाही की गई।* इससे देशभर के साइबर अपराधियों को एक सख्त सन्देश गया है कि वे अब कानून की पकड़ से दूर नहीं हैं। उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाया जा रहा यह राष्ट्रव्यापी अभियान साइबर अपराध के विरुद्ध एक निर्णायक कदम है। इस पहल से न केवल अभियुक्तों की पहचान एवं गिरफ्तारी सुनिश्चित हो रही है, बल्कि अन्य राज्यों की पुलिस एजेंसियों के साथ समन्वय भी सुदृढ़ हो रहा है। आगामी समय में साइबर अपराधों पर पूर्ण अंकुश लगाने हेतु इस तरह के संयुक्त प्रयासों को और अधिक गति दी जाएगी।

जनता से अपील:- साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूकता ही एक हथियार है, कृपया सचेत रहे और जागरूक बने, साइबर अपराध की सूचना तत्काल 1930 व www.cybercrime.gov.in पर दर्ज करे |

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