अखिल भारतीय पंचायत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय के नेतृत्व ने पंचायत प्रतिनिधियों में बढ़ाया हौसला
सुस्त पड़े पंचायत आंदोलन में मणि शंकर अय्यर ने सम्मलेन के माध्यम से फूंकी जान
ब्यूरो : ‘पंचायत परिषद किसी दल का नहीं है। हम चाहते हैं कि पंचायतों की आवाज पंचायत परिषद से जुड़ें।’ यह बात पूर्व कैबिनेट मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कोलकाता में आयोजित सम्मेलन में कही।
इस सम्मेलन का आयोजन 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर कोलकाता में हुआ।
मौलाली युबा केंद्र कोलकाता में आयोजित सम्मेलन में देश के कई दिग्गजों ने हिस्सा लिया। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मणि शंकर अय्यर ने कहा कि पंचायत परिषद से अगर आवाज उठाई गई और उसको सुनने के लिए विधानसभा तैयार होनी चाहिए। पंचायत राज का मतलब है कि जनता खुद तय कर सके कि मामला चलाया जाए।
पंचायत परिषद ने पंचायत की आवाज सुनकर इस फैसले पर पहुंचा है। अगर आवाम की तरफ से यह मांग है कि पार्टी लेस पंचायत के चुनाव हो तो कदम उठाने की जरूरत है। आपको तय करना है कि इसमें किस तरह के बदलाव लाए जाने चाहिए।
इस दौरान ऑल इंडिया पंचायत परिषद के अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय ने सम्मेलन में आए सभी लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि यहां सभी धर्मों, भाषा व क्षेत्र के लोग एकजुट हुए हैं। पंचायत परिषद सभी पंचायतों की आवाज है। यह सभी पंचायतों को सशक्त बनाने के अपने अभियान में पूरी तरह से जुटा हुआ है।
इस मौके पर ऑल इंडिया पंचायत परिषद के अध्यक्ष सुबोध कांत सहाय, पूर्व कैबिनेट मंत्री मणि शंकर अय्यर, ऑल इंडिया पंचायती राज परिषद के उपाध्यक्ष डीपी राय, पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक चौहान, पंचायत परिषद तेलंगाना के समन्वयक एमए जलील, ऑल इंडिया पंचायत परिषद के सचिव जानु रामचंद्रैया, पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार बद्री नाथ, चंदन पाल, सुक्रिति रंजन बिस्वान और सुग्रीव मौजूद रहे।