सुभारती के मालिक अतुल भटनागर को सुप्रीम कोर्ट से झटका । हत्या का आरोपी कटघरे में खडा होगा ।
सुभारती के मालिक अतुल भटनागर को सुप्रीम कोर्ट से झटका । हत्या का आरोपी कटघरे में खडा होगा ।
नई दिल्ली/ गाजियाबाद /देहरादून : ( वॉयस ऑफ नेशन ) अपने अकाउंटेंट निर्मल शर्मा की हत्या का आरोपी मुलजिम अतुल भटनागर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है और सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के आरोपी मुलजिम अतुल भटनागर को गाजियाबाद की सी बी आई कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है ।
आपको बता दे की इस अपराधी पर सी बी आई ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए इसको हत्या का आरोपी माना था और इसके 4 साथी अभी जेल में है वही इस शातिर अपराधी ने पहले तो इलाहाबाद हाई कोर्ट से अरेस्ट स्टे ले रखा था जो 2015 में माननीय इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था जिसके बाद उक्त अपराधी ने सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी पर 2015 से स्टे लिया हुआ था ।
दिनांक 8 सितंबर 2022 को 7 साल बाद हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस अपराधी को प्रथम दृष्टया हत्या का आरोपी मानते हुए तत्काल गाजियाबाद सी बी आई कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है जहां इस अपराधी का ट्रायल शुरू हो जाएगा ।
आपको बता दे कि धारा 302,120 IPC यानि हत्या का अपराध करने बाद भी इस अपराधी के खिलाफ 2 अन्य हत्या के मुकदमे दर्ज हो चुके है जिनमे से एक मेरठ के बड़े व्यवसाई हरिओम आनंद की हत्या का है , बताया जा रहा है कि इस शातिर हत्या आरोपी ने हरिओम आनंद के द्वारा स्थापित उनकी के के बी सुभारती ट्रस्ट पर कब्जा कर लिया और उनके 500 करोड़ रुपए डकार लिए तथा उनको ट्रस्ट से बाहर कर उस ट्रस्ट से अरबों रुपए कमाए और हरिओम आनंद को कोर्ट और न्यायालयों में फंसा दिया और हरिओम आनंद ने तंग आकर सुसाइड नोट छोड़ते हुए आत्महत्या कर ली जिसपर मेरठ में एफ आई आर दर्ज है और ये मुलजिम इलाहाबाद हाई कोर्ट से इस मुकदमे में भी अरेस्ट स्टे पर चल रहा है ।
अतुल भटनागर पर उत्तर प्रदेश एवम उत्तराखंड में 35 अपराधिक मामले दर्ज है और हाल ही में 22 अगस्त 2022 को देहरादून की एक अदालत ने भी इस हत्यारोपी एवम इसके साथ अन्य मास्टरमाइंड अपराधी यशवर्धन रस्तोगी निवासी नई दिल्ली के खिलाफ आईपीसी की धारा 420,467, 504,506,120 बी के तहत थाना डालनवाला को अनुसंधान के आदेश दिए है । अतुल भटनागर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से भी नकली चेक जारी करने के मामले में बेल पर है और इसका फैसला 23 सितंबर 22 को आना है । अतुल भटनागर एवम यशवर्धन रस्तोगी सहित इसके अन्य साथी जो एमटीवीटी बुद्धिस्ट ट्रस्ट में है सभी अन्य जांच के दायरे में है एवम माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर मुख्य सचिव उत्तराखंड डा एस एस संधू ने भी गौतम बुद्ध चिकित्सा महाविद्यालय ( सुभारती का पहले 300 छात्रों से धोखाधड़ी करने के बाद बदला हुआ नाम ) कि भूमि खरीद , ट्रस्ट एवम बैंको के लोन के मामले में जांच कमेटी बैठाई हुई है जिसके अध्यक्ष अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा अरुणेंद्र सिंह चौहान है तथा समिति में देहरादून के एडीएम, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा आशुतोष सयाना, वित्त अधिकारी विवेक स्वरूप है जिसके 6 सप्ताह पूर्ण हो चुके है जिसमे सरकार द्वारा जारी किए G.O. के विपरीत , फर्जी आदमी खड़ा करके करवाई गई रजिस्ट्री , पावर ऑफ अटॉर्नी बंद होने के बावजूद की गई रजिस्ट्री सहित मिली भगत करके किए विनिमय, अनुसूचित जाति की जमीन, पट्टे की जमीन,गोल्डन फॉरेस्ट,नदी टोंस एवम ग्राम समाज की कब्जाई भूमि सहित बैंको में बंधक खसरा नंबरों की जांच शामिल है ।
कुछ दिन पूर्व सही कार्य न करने पर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका ने तहसीलदार एवम पेशकर विकासनगर का वेतन रोकने के आदेश दिए थे और परसो तहसीलदार को हटा दिया गया था ।
उम्मीद की जा रही है कि अतुल भटनागर एवम इसके ट्रस्ट के फर्जी सदस्यों के फर्जीवाड़ा के खिलाफ प्रशासन बड़ा फैसला लेते हुए गलत तरीके से ली गई जमीन पर धारा 167 की कारवाही करते राज्य सरकार में निहित कर सकता है और ऐसे में पूर्व की भांति छात्रों को सरकारी कॉलेजों में शिफ्ट किया जा सकता है एवम इनके खिलाफ कड़ी करवाही कर सकता है क्योंकि रिपोर्ट उच्च न्यायालय नैनीताल को भेजी जानी है ।
वहीं यह भी उम्मीद जताई जा रही है सुभारती मेरठ पर भी संपूर्ण प्रकरण के छींटे पढ़ सकते है क्योंकि सुभारती मेडिकल मेरठ की सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सी बी आई जांच चल रही है । अंत में यही कहावत चरितार्थ होती दिख रही है कि आखिर बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी ?